ABP C Voter Survey on Nitish Kumar Decision: बिहार (Bihar) एक बार फिर से महागठबंधन (Mahagathbandhan) की सरकार बनने जा रही है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने लगभग डेढ़ साल बीजेपी (BJP) के साथ सरकार चलाने के बाद आरजेडी (RJD) के पाले में जाने का फैसला लिया. हालांकि, बिहार की एनडीए (NDA) सरकार के सामने कोई बड़ी दिक्कत कई जानकारों को नहीं दिखाई दे रही थी और बीजेपी सब कुछ सामान्य होने की बात कह रही थी. बिहार की जनता ने भी इस औचक सत्ता परिवर्तन का अंदाजा शायद ही लगाया हो.
बिहार के एकदम बदले सियासी घटनाक्रम को लेकर एबीपी के लिए सी वोटर ने जनता के बीच जाकर त्वरित सर्वे किया. लोगों से जब पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार का तेजस्वी यादव से हाथ मिलाने का फैसला सही है? इस सवाल पर चौंकाने वाला रिजल्ट सामने आया. तेजस्वी यादव से हाथ मिलाने के नीतीश कुमार के फैसले को 44 फीसदी लोगों ने सही बताया जबकि 56 फीसदी लोगों ने इसका समर्थन नहीं किया, उन्होंने फैसले को गलत बताया.
सर्वे में इन सवालों पर जनता का मत
सी वोटर ने और भी कई सवाल पूछे. जनता से जब पूछा गया कि बिहार में गठबंधन टूटने का फायदा किसको होगा? इस सवाल पर 33 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी को गठबंधन टूटने फायदा होगा. वहीं, मात्र 20 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार को फायदा पहुंचने की बात कही जबकि सबसे ज्यादा 47 फीसदी लोगों ने कहा कि इसका लाभ तेजस्वी यादव को मिलेगा.
बीजेपी से रिश्ता तोड़ने की वजह के सवाल पर 28 फीसदी लोगों ने जेडीयू की ओर से उपराष्ट्रपति नहीं बनाने का कारण बताया, इतने ही फीसदी लोगों ने आरसीपी सिंह को प्रमोट किए जाने को वजह बताया. 14 फीसदी लोगों ने कहा है कि चिराग को बैठक में बुलाने के कारण बीजेपी से नीतीश का रिश्ता टूटा. वहीं, 30 फीसदी लोगों ने कहा कि बिहार में मंत्रियों के बीच मतभेद के कारण बीजेपी-जेडीयू गठबंधन टूटा. सर्वे में जब पूछा गया कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में से किसे मुख्यमंत्री बनना चाहिए तो करीब 56% लोगों ने तेजस्वी यादव के नाम पर मुहर लगाई, वहीं, 44 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार का नाम लिया है.
एक और सवाल कि क्या नीतीश कुमार को चुनाव में जाना चाहिए पर 45 फीसदी लोगों ने हामी भरी जबकि 55 फीसदी लोगों ने कहा, ''नहीं.'' बता दें कि नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी से गठबंधन तोड़े जाने पर एबीपी न्यूज के लिए सीवोटर ने त्वरित सर्वे में बिहार के 1 हजार 415 लोगों से सवाल किए थे.