दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) से ग्रामीण क्षेत्रों को काफी फायदा हो रहा है, क्योंकि बिजली देश की वृद्धि और विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है. पहले से मौजूद राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) की सुविधाओं को डीडीयूजीजेवाई की नई योजना में सम्मिलित किया गया है और आरजीजीवीवाई योजना की खर्च नहीं की गई राशि को इसमें ट्रांसफर कर दिया गया है. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत वितरण की अवधि में सुधार का लक्ष्य है. इसके साथ ही अधिक मांग के समय में लोड में कमी, उपभोक्ताओं को मीटर के अनुसार खपत पर आधारित बिजली बिल में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अधिक सुविधा दी जा सकेगी. यह योजना बिजली की 24x7 आपूर्ति की सुविधा को सुगम बनाएगी.
योजना के मुख्य घटक
-ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं गैर कृषि उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति को सही तरीके से बहाल करने की सुविधा के लिए कृषि और गैर कृषि फीडरों का पृथक्करण.
-ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर/फीडरों/उपभोक्ताओं की नपाई सहित उप-पारेषण और वितरण की आधारभूत संरचना का सुदृढ़ीकरण एवं आवर्धन.
-राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत पहले से ही मंजूर माइक्रो ग्रिड और ऑफ ग्रिड वितरण नेटवर्क एवं ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजनाओं को पूरा करना.
योजना के लाभ
-सभी गांवों और घरों का विद्युतीकरण.
-गावों में बिजली की अबाध आपूर्ति से कृषि उपज में वृद्धि होगी.
-छोटे और घरेलू उद्यमों के विकास से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
-स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग (एटीएम) सेवाओं में सुधार.
-रेडियो, टेलीफोन, टेलीविजन, इंटरनेट और मोबाइल के पहुंच में सुधार.
-बिजली की उपलब्धता के कारण सामाजिक सुरक्षा में सुधार.
-स्कूलों, पंचायतों, अस्पतालों और पुलिस स्टेशनों में बिजली की पहुंच.
-ग्रामीण क्षेत्रों को व्यापक विकास के अवसरों में बढ़ोतरी.
मुख्य विशेषताएं
-राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाई) को इसमें समाहित किया गया है.
-कार्य के लिए पत्र जारी करने की तारीख से 24 महीने के भीतर योजना को पूरा करना.
-सभी डिस्कॉम इस योजना के तहत वित्तीय सहायता के पात्र हैं.
-ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (आरईसी) योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है.
नोडल एजेंसी की भूमिका
विद्युत मंत्रालय के समग्र मार्गदर्शन में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (आरईसी) योजना के कार्यान्वयन और संचालन के लिए नोडल एजेंसी है. नोडल एजेंसी को उनकी फीस के रूप में निगरानी समिति द्वारा अनुमोदित परियोजना लागत का 0.5 फीसदी या अवार्ड कॉस्ट, जो भी कम हो, का भुगतान किया जाएगा. समय-समय पर इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक सभी दिशा निर्देशों और स्वरूपों को अधिसूचित करना. निगरानी समिति को प्रस्तुत करने से पूर्व डीपीआर का मूल्यांकन करना. मंजूरी के लिए निगरानी समिति की बैठकों का आयोजन करने के लिए संबंधित सभी काम संचालित करना. कार्यों की गुणवत्ता सहित परियोजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी करना.
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