Data Protection Act: बहुप्रतीक्षित डेटा संरक्षण कानून को शनिवार (12 अगस्त) को राष्ट्रपति ने मंजूरी के बाद केंद्र ने इसे अधिसूचित कर दिया है. अब जब कानून बन गया है और राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी भी दे दी है तो हर किसी के मन में सवाल है कि इसके नियम क्या होंगे और ये कब तक बन सकते हैं. इस बारे में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है.


हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नियमों को बनाने का काम चल रहा है. नियम बहुत स्पष्ट भाषा में होंगे. चुस्त और तकनीक के साथ बदलने की क्षमता वाले होंगे. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नियम भी उतने ही सरल होंगे जितना कानून है.


'PM ने किया टेक्नोलॉजी का लोकतंत्रीकरण'


केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी को सबसे गरीब व्यक्ति और दूर-दराज के क्षेत्रों तक ले जाकर लोकतंत्रीकरण किया है. नीचे के स्तर तक लोगों को डिजिटल सेवाएं दी जा रही हैं. कानून और नियमों की रूपरेखा भी उसी सिद्धांत के तहत होगी.


उन्होंने आगे बताया कि अगले कुछ महीने में इसके नियम सामने आ सकते हैं. साथ ही स्वतंत्र डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना पर भी काम चल रहा है. आने वाले कुछ महीने काफी महत्वपूर्ण होने वाले हैं. उन्होंने दावा किया कि बोर्ड स्वतंत्र होगा. 


स्वतंत्र होगा डेटा संरक्षण बोर्ड


ट्राई का उदाहरण देते हुए मंत्री ने इंटरव्यू में बताया कि इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सरकार करती है लेकिन नियम और शर्तें और इसके काम के बारे में कानून में स्पष्ट तौर पर लिखा होता है. डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड भी ऐसा ही होगा.


उन्होंने कहा, डेटा संरक्षण बोर्ड में अधिकतर ऐसे लोग होंगे जो डिजिटल अर्थव्यवस्था को समझते हैं और डिजिटल अर्थव्यवस्था की बारीकियों को समझते हैं, इसी प्रकार के लोगों का चयन किया जाएगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या इसमें सरकार के बाहर के लोगों को भी लिया जा सकता है तो उनका जवाब था- हां.


गोपनीयता पर होंगे सख्त नियम


बच्चों की सुरक्षा और गोपनीयता के सवाल पर वैष्णव ने बताया कि कानून में सात सिद्धांत हैं, जो साफ बताते हैं कि कौन सा डेटा लिया जा सकता है, किस डेटा का उपयोग किया जा सकता है, इसका कितना उपयोग किया जा सकता है और इसे किस अवधि के लिए उपयोग किया जा सकता है. यदि कुछ व्यवहार ट्रैकिंग डेटा एकत्र किया जा रहा है जो उस उद्देश्य के लिए आवश्यक नहीं है जिसके लिए डेटा एकत्र किया गया था, तो वह अवैध हो जाएगा.


उन्होंने बताया कि जिस बात के लिए सहमति दी गई है, उसके अलावा किसी भी रूप में डेटा का इस्तेमाल अवैध होगा. सभी सोशल मीडिया कंपनियों को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाएगा.


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