नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में अपना पहला बजट भाषण दिया आम बजट पेश किया. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट है. सरकार ने महंगी धातुओं पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है जिससे सोने का आयात अब महंगा हो जाएगा. वित्त मंत्री के इस एलान से सोना- चांदी के व्यापारियों में काफी निराशा है. करोलबाग के सोना-चांदी व्यापारी संगठन के प्रेसिडेंट और ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डॉमेस्टिक कॉउंसिल के जोनल चैयरमेन विजय खन्ना बताते हैं कि ज्वैलरी पर ड्यूटी पहले से ही ज्यादा थी, जो कि अब और भी ज्यादा बढ़ गई है.


उनके मुताबिक इंपोर्ट ड्यूटी 4 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए क्योंकि इससे स्मगलिंग बढ़ती है और व्यापार में गिरावट आती है. साथ ही उनका कहना है कि मेक इन इंडिया के तहत नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भी कहा है कि सोने चांदी पर ड्यूटी 4 प्रतिशत होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इससे गाज ज्वैलर्स पर गिरेगी और बाजार में मंदी आएगी. इसके अलावा स्मगलर्स को 12.5 प्रतिशत एक्स्ट्रा इम्पोर्ट ड्यूटी और 3 प्रतिशत GST समेत कुल 15 प्रतिशत का फायदा होगा तो जाहिर सी बात है कि स्मगलिंग बढ़ेगी.


रिटेल व्यापारी की बात करें तो वह पिछली सरकार के दौर में नोटबन्दी और उसके बाद GST की मार झेलने के बाद अपाहिज हो चुका था. जो कि अब एक्स्ट्रा ढाई प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी से व्यापार को मरता देख रहा है. इस अतिरिक्त कर के बाद सोना 35 हजार से ऊपर जा सकता है जिससे सोने की खरीददारी कम होगी और सीधा सीधा मार्किट प्रभावित होगा.


बाकी दुकानों का हाल बयान करते हुए विजय खन्ना बताते हैं कि दुकानों में इक्का दुक्का ग्राहक आ रहे हैं या फिर एक भी ग्राहक नहीं आ रहे हैं. पिछली सरकार की बात करें तो जब सोना 15 लाख रुपए प्रति किलो था तब सरकार 5 लाख रुपए के कैश पर पैन कार्ड नहीं मांगती थी. लेकिन इस सरकार में सोना 35 लाख रुपए किलो है और 2 लाख रुपए के सोना चांदी खरीदने के बाद ही पैन कार्ड दिखाना पड़ता है जिससे ग्रामीण ग्राहकों की संख्या कम हुई है. कुल मिलाकर सोना चांदी के व्यापारी इस बजट से नाखुश हैं.