नई दिल्ली: भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ (आईसीएमआर) मेडिकल के हालहि में की गई रिसर्च में पाया गया कि कोवैक्सीन वायरस के बीटा और डेल्टा दोनों वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है.


इस अध्ययन में आईसीएमआर और भारत बायोटेक के शोधकर्ताओं ने रक्त के नमूनों की जांच की. जानकारी के मुताबिक, ये नमूने उनके लिए गए जो कोरोना से ठीक हुए और उन्हें कोवैक्सीन टीका लगा था. टीम के अनुसार, टीके ने दोनों बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान की.


कई स्वीकृत टीके वेरिएंट पर बेसर दिखें


टीम की माने तो बीटा और डेल्टा वेरिएंट कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए बेहद गंभीर चिंता का विषय बन रहा है. इसके पीछे की वजह ये कि, मॉडर्ना के Mrna1273, फाइजर के BNT162b2 और कोविशील्ड (ChAdOx1) जैसे कई स्वीकृत टीकों को बेसर कर दिखाया है. वहीं, कोवैक्सीन का अल्फा, जेटा और कप्पा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी पाया गया है.    


आईये समझते हैं कैसे किया अध्ययन


टीम ने कोविड से ठीक हुए 20 लोगों के नमूनों का आकलन किया. इसके साथ ही 17 ऐसे लोगों का खून लिया गया जिन्होंने कोवैक्सीन की दोनों खुराक ली हुई थी. इन नमूनों का मूल्यांकन बीटा, डेल्टा वेरिएंट के साथ किया गया जिसमें नतीजे प्रभावी दिखें.


तीसरी लहर दे सकती किसी भी पल दस्तक- विशेषज्ञ


आपको बता दें, देशभर में कोरोना का प्रकोप अब भी बना हुआ है. वैसे तो कोरोना की दूसरी लहर धीमी पड़ गई है और देश के ज्यादातर सभी राज्य को प्रतिबंधों से छूट दे दी गई है. लेकिन विशेषज्ञ लगातार तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जाहिर कर रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, तीसरी लहर किसी भी पल दस्तक दे सकती है ऐसे में अलग-अलग प्रकार के वेरिएंट चिंता को और बढ़ा रहे हैं. 


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