Coronavirus Covid 19 Cases in India: भारत समेत दुनिया में ओमिक्रोन वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक 175 देशों में यह वेरिएंट सामने आ चुका है. भारत में अब तक ओमिक्रोन वेरिएंट से 2135 लोग संक्रमित हो चुके हैं. देश में इस वेरिएंट से संक्रमित राज्यों की संख्या 24 हो गई है. सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और राजधानी दिल्ली में हैं. इसके बाद तीसरे नंबर पर केरल है. महाराष्ट्र में अबतक ओमिक्रोन से 653, दिल्ली में 464 और केरल में 185 लोग संक्रमित हो चुके हैं.


हालांकि ओमिक्रोन के लक्षण डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले हल्के हैं लेकिन इसके बढ़ते मामलों ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है. साथ ही तीसरी लहर को लेकर चिंताएं भी बढ़ गई हैं. 


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क्या हैं ओमिक्रोन के लक्षण


जब कोई शख्स इस वेरिएंट के संपर्क में आता है तो वही लक्षण महसूस होते हैं, जो पहले के म्यूटेटेड वायरस में होते थे. ओमिक्रोन के कुछ लक्षण हैं- हल्का बुखार, गले में खराश, थकान, शरीर में दर्द, सुगंध और स्वाद महसूस ना होना. कुछ मामलों में, व्यक्ति को त्वचा पर चकत्ते, आंख आना और दस्त भी हो सकते हैं. लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति और उनकी स्वास्थ्य स्थिति में भिन्न हो सकते हैं. चूंकि ओमिक्रोन द.अफ्रीका में एक महीने पहले पाया गया था इसलिए वैज्ञानिक अभी इसके बारे में डेटा जुटाने में लगे हैं. 


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लक्षण दिखने में कितना समय लगता है?


ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों ने अपने यहां प्रतिबंध लगा दिए हैं. लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट बदस्तूर चालू है. इसलिए ओमिक्रोन के फैलने का रिस्क है. अगर कोई शख्स कोविड-19 से संक्रमित होता है तो लक्षण दिखने में 5-6 दिन का समय लगता है. कुछ मामलों में यह अवधि 14 दिन भी होती है. 


हालांकि, एक बीमार व्यक्ति लक्षणों की शुरुआत से लगभग दो दिन पहले और उसके बाद 10 दिनों तक दूसरों को संक्रमित करना शुरू कर देता है. ओमिक्रोन के मामले में भी, संक्रमण के 3 से 14 दिनों के बीच कभी भी लक्षण दिखाई दे सकते हैं. जैसा कि पहले बताया गया है कि ओमिक्रोन के लक्षण अन्य वेरिएंट्स की तुलना में तेजी से दिखाई नहीं देते हैं. 


क्या कदम उठाने चाहिए?


अगर आप किसी संक्रमित शख्स के संपर्क में आए हैं तो तुरंत खुद को आइसोलेट कर लें. दूसरे लोगों से 10 दिन की दूरी बनाए रखने से बाकी लोगों को आप संक्रमण से बचा सकते हैं. इस दौरान अपना टेस्ट करा लें. अगर आपका फुल वैक्सीनेशन हो चुका है और सारे कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन कर रहे हैं, तब भी आइसोलेट होना सही है. आइसोलेशन के दौरान अगर आपको कोई लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.


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त्वचा के रंग में बदलाव को न करें नजरअंदाज


अगर ऑक्सीजन लेवल गिर जाए या फिर सांस लेने में तकलीफ हो, ऐसी स्थिति में अस्पताल जाना चाहिए. कुछ अन्य भी लक्षण हैं, जो काफी खतरनाक हैं. कुछ अनजाने लक्षण आपकी स्किन, होंठ, नाखूनों पर भी दिख सकते हैं. पीली, ग्रे, या नीले रंग की त्वचा, होंठ या नाखून नजर आए तब भी अस्पताल का रुख करें. रंग में बदलाव त्वचा के रंग पर निर्भर करता है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में, विशेष रूप से होंठ, आंखों या मुंह के आसपास बदलाव आसानी से दिखाई देता है.