भोपाल: कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में काम-धंधे बंद होने से लोग परेशान हैं. वहीं कोरोना का महंगा इलाज जनता की कमर तोड़ रहा है. ऐसे में परेशान नौकरीपेशा लोग अब कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के खातों से पैसा निकाल रहे हैं.


भोपाल के अरेरा हिल्स पर बने कर्मचारी भविष्य निधि के क्षेत्रीय दफ्तर की बात करें तो वहां पर रोज उन लोगों की भीड़ लग रही है जो अपने खाते में जमा पैसों और इन पैसों को किस तरह निकाला जाए, इसकी जानकारी लेने आ रहे हैं. इस दफ्तर में एक अप्रैल से लेकर दस मई तक सिर्फ चालीस दिनों में दस हजार से ज्यादा लोगों ने पीएफ एडवांस के नाम पर 19 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम निकाली है. इन सभी ने अपने पैसा निकालने का कारण कोरोना में इलाज का खर्चा बताया है.


मुश्किल वक्त में काम आ रहा पैसा


ईपीएफ क्षेत्रीय आयुक्त एसके सुमन बताते हैं कि भविष्य निधि की ये बचत इस वक्त में काम आ रही है. लोग कोरोना के इलाज के खर्चे या फिर कामकाज बंद होने से परेशानियों से निजात पाने के लिए भविष्य निधि के दावे कर रहे हैं, जिसे हम तेजी से निपटा रहे है. ईपीएफ दफ्तर में निजी कंपनियों, कारखानों, सार्वजनिक उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं ओर स्थानीय निकाय के कर्मचारी आते हैं. जिनकी भविष्य निधि की राशि यहां पर जमा रहती है.


बीमारी के इलाज, मकान निर्माण और शादी के खर्चों पर ये पैसा निकाला जाता है. इसी दफ्तर के बाहर हमें मिले अनिल यादव, जो भोपाल नगर निगम के कर्मचारी है. उनके पिता की मृत्यु कोरोना के कारण हो गई है और बेटा भी बीमार चल रहा है. वो भी अपनी भविष्य निधि से पैसा निकलवाने आए हैं. उन्होंने बताया कि पैसों की अचानक जरूरत आ जाएगी ऐसा सोचा न था लेकिन कोरोना ने सब गड़बड़ कर दी. बीमारी में बहुत पैसा खर्चा हो रहा है.


वहीं कोरोना की पहली लहर में भी बड़ी संख्या में लोगों ने पीएफ का पैसा निकलवाया था. उसकी वजह कोरोना का इलाज तो नहीं मगर लंबा लॉकडाउन था, जिसने जनता की कमर तोड़ दी थी और लोगों ने अपने खर्चे पूरे करने के लिए भविष्य निधि से पैसा निकाला था. इस बार फिर दूसरी लहर में भी कर्मचारी भविष्य निधि की बचत काम आ रही है.