नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. जिस तेजी से दिल्ली में कोरोना का संक्रमण फैल रहा है, उसी तेजी के साथ दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ रही है. दिल्ली में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने माइक्रो कंटेनमेंट जोन नीति को हथियार बनाया है. दिल्ली में अब तक 4 हजार से ज्यादा कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं.


अकेले अप्रैल के महीने की बात करें तो 2 हजार से ज्यादा कंटेनमेंट जोन सिर्फ 1 अप्रैल से 7 अप्रैल के बीच बनाए गए हैं. दिल्ली सरकार के जरिए जारी आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च तक दिल्ली में कोरोना के कुल कंटेनमेंट जोन 2183 थे. वहीं 7 अप्रैल को ये संख्या बढ़कर 4226 पर पहुंच गई है. इसका मतलब यह है कि 1 अप्रैल से लेकर 7 अप्रैल तक 2043 कंटेनमेंट जोन दिल्ली में बनाए जा चुके हैं.


अप्रैल के महीने में कंटेनमेंट जोन का आंकड़ा
1 अप्रैल- 2338
2 अप्रैल- 2618
3 अप्रैल- 2917
4 अप्रैल- 3090
5 अप्रैल- 3291
6 अप्रैल- 3708
7 अप्रैल- 4226


दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की मौजूदा स्थिति
7 अप्रैल को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के जरिए जारी आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में अभी 4226 कंटेनमेंट जोन हैं. इनमें सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन दक्षिणी दिल्ली में बनाए गए हैं. दिल्ली सरकार के डेटा के मुताबिक 7 अप्रैल तक दिल्ली के 11 जिलों में कंटेनमेंट जोन का आंकड़ा इस प्रकार से हैं...


-सबसे अधिक 1016 कंटेन्मेंट जोन दक्षिण जिले में हैं.
-कुल कंटेनमेंट जोन का करीब 25% यानी एक चौथाई हिस्सा अकेले दक्षिणी जिले में है.
-उत्तरी जिले में 530 कंटेनमेंट जोन हैं. उत्तरी जिला सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है.
-मार्च से लेकर अप्रैल तक दक्षिणी और उत्तरी जिलों में सबसे अधिक कोरोना के मामले सामने आए हैं. यहां बड़ी संख्या में इलाकों को सील किया गया है.
-इसके अलावा नई दिल्ली में 456, पश्चिमी दिल्ली में 402, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में 384, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में 377, दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में 413, शाहदरा में 211 और सेंट्रल दिल्ली में 168 कंटेनमेंट जोन हैं.
-उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 151 और पूर्वी दिल्ली में सबसे कम 118 कंटेनमेंट जोन हैं.
-कोरोना की शुरुआत से अब तक दिल्ली में कुल 20101 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. जिनमें से 15875 को डीकंटेन किया जा चुका है. जबकि 554 कंटेनमेंट जोन को आने वाले दिनों में मुक्त किया जा सकता है.
-आंकड़ों के मुताबिक 21 जून 2020 के बाद से 7 अप्रैल 2021 तक पूरी दिल्ली में 18171 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं.


दक्षिणी दिल्ली में कई पॉश इलाके होने के बावजूद कंटेनमेंट जोन की बढ़ती संख्या पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि इस बार ऐसा ट्रेंड देखने में आ रहा है कि जो अपर क्लास या अपर मिडिल क्लास वाले लोग हैं, उनमें कोरोना के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका कोई कारण कहना मुश्किल है लेकिन लोगों से बातचीत के आधार पर यह समझ आया है कि जितने भी घनी आबादी वाले एरिया है या स्लम है उनमें पहले और दूसरे फेज में ही काफी ज्यादा कोरोना फैल चुका था. साथ ही यह वायरस जिस तरह से व्यवहार कर रहा है, उसमें अब एक परिवार में एक या दो सदस्य नहीं बल्कि पूरा परिवार संक्रमित मिल रहा है. यही वजह है कि एक इलाके में तेजी से मामले बढ़ रहे हैं.


माइक्रो कंटेनमेंट जोन का फॉर्मूला
कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए दिल्ली सरकार माइक्रो कंटेनमेंट जोन का फॉर्मूला अपना रही है. जिसके तहत किसी भी एक परिवार, घर, बिल्डिंग या फ्लोर आदि पर 2 या 3 कोरोना मामले सामने आने के बाद ही उस इलाके को कंटेन या सील कर दिया जाता है. कंटेनमेंट जोन कोई एक बिल्डिंग या एक घर भी हो सकता है. सील की गई जगह पर सभी तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित कर दी जाती हैं और यहां रहने वाले लोगों के लिए दूध, दवाई और सब्जी के अलावा मूलभूत सुविधाएं देने की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है.


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