नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ता पेट्रोल और डीजल की अनियंत्रित बढ़ती कीमतों को वापस लेने की मांग और मंहगाई के खिलाफ आज पेट्रोल पंपों पर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगे. दिल्ली कांग्रेस के अनुसार, कोरोना काल में आपदा को अवसर बनाकर केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार लगातार बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों पर नियंत्रण करने की बजाय भारी भरकम टैक्स वसूलकर लोगों की जेब पर डाका डाल रही है.


पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव हरीश रावत, प्रवक्ता पवन खेड़ा समेत कई नेता दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पेट्रोल पंपों के निकट सांकेतिक विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. कांग्रेस का कहना है कि इस विरोध प्रदर्शन में कोरोना वायरस संबंधित सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा.


'सरकार की गलत नीतियों से 100 के पार हुआ पेट्रोल'
वेणुगोपाल ने कहा, 'बीजेपी सरकार ने पिछले सात साल में पेट्रोल डीजल पर टैक्स में बार-बार भारी बढ़ोतरी करके कीमतों को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है. इस सरकार की गलत नीतियों के कारण देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमतें आज 100 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुकी हैं और डीजल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर होने के कगार पर है.'


दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार को इस मसले पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, केजरीवाल सरकार ने 6 सालों में पेट्रोल डीजल पर 25000 करोड़ रुपये के टैक्स के रुप में वसूले हैं और मोदी सरकार ने 7 सालों में 20.56 लाख करोड़ रुपये टैक्स के रुप में वसूले है."


दिल्ली कांग्रेस प्रमुख ने शीला दीक्षित सरकार को याद करते हुए कहा कि 2013 में दिल्ली में पेट्रोल पर 20 फीसदी और डीजल पर 12.5 फीसदी वैट टैक्स वसूला जाता था जिसे केजरीवाल सरकार ने बीजेपी के साथ मिलकर 2015 में पेट्रोल पर वैट 30 फीसदी और डीजल पर 16.75 फीसदी कर दिया.


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