Munish Tamang Congress Candidate: लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद देशभर में सियासी दंगल शुरू हो चुका है. पश्चिम बंगाल में लड़ाई खास तौर पर दिलचस्प है, क्योंकि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो (TMC) ममता बनर्जी ने राज्य की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इस बीच कांग्रेस ने मंगलवार (2 अप्रैल) को दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर उम्मीदवार का ऐलान किया.


कांग्रेस ने मुनीष तमांग को दार्जिलिंग लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. चार दिन पहले ही 28 मार्च को उन्होंने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ली थी. इसके बाद से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें दार्जिलिंग लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बना सकती है. मंगलवार को जब कैंडीडेट्स का ऐलान हुआ तो उन्हें दार्जिलिंग से चुनावी मैदान में उतार दिया गया है.


बीजेपी पर लगा चुके हैं गोरखाओं से वादा खिलाफी का आरोप


भारतीय गोरखा परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुनीष तमांग दार्जिलिंग इलाके में चर्चित नेता हैं और क्षेत्र में बीजेपी के सहयोगी के तौर पर जाने जाते थे. अब उन्होंने पहाड़ों पर सबसे बड़े मुद्दे पृथक गोरखालैंड और गोरखा समुदाय से जुड़े स्थानीय मुद्दों को लेकर बीजेपी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. कांग्रेस में शामिल हो जाने के बाद तमांग ने कहा कि मैं समग्र भारत को लेकर आगे बढ़ने के लिए कांग्रेस में शामिल हुआ हूं. बीते कई सालों से हमारे गोरखा समुदाय ने BJP को समय दिया, लेकिन उसके बदले हमारे समुदाय को धोखे के अलावा कुछ नहीं मिला.


बता दें कि दार्जिलिंग लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद राजू बिस्ट को इस बार भी बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. उनके खिलाफ BJP के नेताओं ने ही बाहरी होने का आरोप लगाया है. इस बीच कांग्रेस की ओर मुनीष तमांग को मैदान में उतारे जाने के बाद लड़ाई दिलचस्प हो गई है. वह स्थानीय मुद्दों को लेकर लंबे समय से मुखर रहे हैं और क्षेत्र में पृथक गोरखालैंड आंदोलन का मुख्य चेहरा रहे विमल गुरुंग के भी खासमखास रहे हैं. विमल एक समय में भाजपा के सबसे बड़े सहयोगी थे.


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