नई दिल्ली: संसद की लोक लेखा समिति (PAC) मोदी सरकार की वैक्सीन नीति की समीक्षा नहीं करेगी. आज हुई समिति की बैठक में इस बारे में समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की ओर से लाया गया एक प्रस्ताव पारित नहीं हो सका. प्रस्ताव का बैठक में मौजूद सभी एनडीए सांसदों ने जमकर विरोध किया .


सूत्रों के मुताबिक आज की बैठक में अगले 1 साल तक समिति द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा और मुहर लगनी थी.  समिति की बैठक में शामिल हुए एक सदस्य ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि पहले से सदस्यों को वितरित किए गए एजेंडा आइटम में वैक्सीन नीति का जिक्र नहीं था. लेकिन जैसे ही पहले से तय एजेंडा पर समिति की मुहर लगी, समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने वैक्सीन नीति पर प्रस्ताव पेश कर दिया. 


प्रस्ताव पेश करते ही बैठक में मौजूद एनडीए सांसदों ने जमकर विरोध करना शुरू कर दिया . विरोध करने वाले सासंदों में ललन सिंह, जगदम्बिका पाल , राम कृपाल यादव और कुछ अन्य सदस्य शामिल थे . 


सूत्रों के मुताबिक़ अधीर रंजन चौधरी लगातार सरकार की वैक्सीन नीति की ख़ामियों का हवाला देकर इसे एजेंडा में शामिल करने की वक़ालत करते रहे. उनके पक्ष में बैठक में मौजूद एक और कांग्रेसी सांसद भी लगातार समर्थन कर रहे थे. इसी बीच एनडीए सांसदों ने अध्यक्ष से इस मसले पर वोटिंग करवाने की चुनौती दे डाली. 


चूंकि समिति में मौजूद भर्तृहरि महताब जैसे गैर एनडीए और गैर यूपीए सांसदों ने निष्पक्ष रुख रखा. लिहाज़ा संख्या बल को अपने पक्ष में नहीं देखते हुए अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं कराना ही मुनासिब समझा.