बिहार में 17 दिनों तक वोटर अधिकार यात्रा निकालने के बाद लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अब दूसरे चरण के प्रचार के लिए जल्द ही बिहार जाने की तैयारी में है. दूसरे चरण के प्रचार की रूपरेखा भी कांग्रेस ने लगभग तैयारी कर ली है. लेकिन इस बार मुद्दा वोट चोरी का नहीं बल्कि क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर होगा, जिस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिहार के नागरिकों के बीच अपनी बात रखने की कोशिश करेंगे.

Continues below advertisement

दरअसल, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि वोटर अधिकार यात्रा से कांग्रेस पूरे बिहार में एक बड़ा मूमेंटम बनाने में कामयाब रही है और ये चुनाव तक इसी तरह बना रहे इसके लिए आगे भी अलग रणनीति के तहत प्रचार-प्रसार की कमान खुद राहुल गांधी को संभालनी होगी.

कांग्रेस और राहुल गांधी ने बिहार को लेकर क्या बनाई रणनीति?

Continues below advertisement

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी ने बिहार के लिए कुछ इस तरह की रणनीति तैयार की है.

  • बिहार के सभी नौ प्रमंडलों में 9 बड़ी रैलियों का आयोजन किया जाए.
  • राज्य में पलायन, बेरोजगारी, बढ़ते अपराध, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योगों की कमी और 20 सालों में नीतीश-बीजेपी सरकार की नाकामी को मुद्दा बनाया जाए.
  • राज्य भर के मुद्दों के साथ ही हर प्रमंडल में जनता से जुड़े विशेष मुद्दे भी वहां उठाए जाएं.
  • बिहार में महागठबंधन की सरकार आने पर का रोडमैप तो जनता के सामने रखा जाए. साथ ही माइक्रो लेवल पर पैठ बनाने के लिए हर प्रमंडल विशेष का रोडमैप भी उसमें जोड़ा जाए.

बिहार में होने वाले बड़े कार्यक्रमों में राहुल गांधी की बनी रह सकती है मौजूदगी

कांग्रेस ने तय किया है कि इससे जुड़े बड़े कार्यक्रमों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी बनी रहे, ताकि इसका व्यापक असर कार्यकर्ताओं और आम लोगों में दिखाई दे. इसके साथ महागठबंधन में सभी दलों से सुझाव लेकर कांग्रेस एक संयुक्त तौर पर घोषणा पत्र भी तैयार कर रही है. कांग्रेस की एक रणनीति यह भी है कि घोषणा पत्र में शामिल अलग-अलग मुद्दों को एक-एक कर इन कार्यक्रमों के जरिए लोगों के सामने रखा जाए. 

यह भी पढ़ेंः Narendra Modi Birthday: कौन थे वो 'वकील साहब', जिनके कपड़े धोते थे नरेंद्र मोदी, उन्हीं ने कराई थी संघ में एंट्री