Navjot Sidhu In Jail: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने खेल से जेल तक का सफर तय कर लिया है. रोड रेज के केस में एक साल कठोर कारावास की सजा होने के बाद सिद्धू पटियाला जेल में बंद हैं. सिद्धू को सरेंडर किए 24 घंटे गुजर चुके हैं. सिद्धू का कैदी नंबर 241383 है और बैरक नंबर 7 में रखा गया है.


जेल ऑथॉरिटीज का यकीन मानें तो नवजोत सिद्धू पटियाला जेल में निराश या डिप्रेसिव मूड में नहीं बल्कि हाई स्पिरिट में हैं. जेल में सिद्धू को सब्जी खुद पकानी पड़ेगी क्योंकि सिद्धू को गेंहू से एलर्जी है. लीवर की बीमारी होने के कारण सिद्धू आटे से बनी रोटी नहीं खाते. सूत्रों के मुताबिक, जेल में पहुंचकर नवजोत सिंह सिद्धू ने पहली रात जेल में मिली दाल रोटी नहीं खाई. उन्होंने शुक्रवार शाम मेडिकल टेस्ट के दौरान ही खाना खाया था, जिसके बाद से उन्होंने जेल में खाना खाने से इनकार कर दिया. 


जेल में खुद बनाएंगे अपना खाना
सिद्धू उबली सब्जियां, फल, सलाद और ब्राउन राइस लेते थे इसलिए जेल में उनको सब्जियां खुद पकानी पड़ेंगी. जेल में सिद्धू को कोई कुक नहीं मिलेगा. जेल की कैंटीन से सब्जियां और फ्रूट जरुर खरीद सकते हैं, लेकिन उनको पकाना और तड़का खुद लगाना होगा. जेल में कैंटीन का कैश कार्ड बन जाता है. कार्ड में परिवार पैसा ट्रांसफर कर सकता है और कैदी कैश कार्ड का इस्तेमाल करके कैंटीन में खरीदारी कर सकता है.  


सिद्धू के साथ चार और कैदी मौजूद
पटियाला जेल में टेलीफोन सुविधा है. कैश कार्ड के भुगतान से सिद्धू बाहर टेलीफोन भी कर सकते हैं. सिद्धू की बैरक दस फुट चौड़ी और 15 फुट लंबी है. बैरक में चार कैदी उनके साथ और हैं. दो सजायाफता पुलिसवाले हैं और दो अन्य मुजरिम. इनमें एक हत्यारा है. बैरक में पंखे और टीवी की सुविधा है. एक पतला गद्दा सिद्धू को दिया गया है. बाकी कैदियों की तरह सिद्धू को भी फर्श पर सोना पड़ा. सिद्धू की बैरक में एक पुराना बरगद का पेड़ है. ये पेड़ गर्मी में बैरक का तापमान सही रखता ही है. सिद्धू इस पेड़ से बेहद खुश हैं. परिवार के 10 लोगों के नाम सिद्धू ने जेल प्रशासन को दिए हैं. जो हफ्ते में एक बार तीन-तीन करके जेल में सिद्धू से मुलाकात कर सकते हैं. 


सिद्धू और बिक्रम मजीठिया एक ही जेल में बंद
नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के दिग्गज अकाली नेता बिक्रम मजीठिया दोनों पटियाला जेल में बंद हैं. ड्रग्स केस में सिद्धू के हल्ला मचाने पर चन्नी सरकार ने मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इतेफाक देखिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मजीठिया ने 24 फरवरी को सरेंडर किया था और तीन महीने बाद 20 मई को सिद्धू को भी सुप्रीम के आदेश पर ही सरेंडर करना पड़ा. अब दोनों पटियाला जेल में हैं. हालांकि जेल ऑथिरिटी का कहना है कि एक जेल में होने के बावजूद दोनों की बैरक दूर-दूर हैं. मजीठिया हवालाती कैदी हैं जबकि सिद्धू सजायाफ्ता. 


लाइब्रेरी में दिया जा सकता है काम
जेल में सिद्धू से क्या काम करवाना है, यह अभी तय नहीं हुआ है क्योंकि जेल अथॉरिटीज सिद्धू की सुरक्षा को लेकर चौकन्ना है. सिद्धू के लिए ऐसा काम तय किया जा रहा है जिसे करते हुए उनको बाकी कैदियों से खतरा ना हो. हो सकता है उनको लाइब्रेरी में कोई काम दिया जाए. 


20 मई को अदालत में किया सरेंडर
बता दें के पहले रोडरेज मामले में सिद्धू को मार्च 2018 में 1,000 रुपये के जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया था. हालांकि अब सिद्धू को आईपीसी की धारा 323 के तहत अधिकतम संभव सजा दी गई है. अदालत ने 15 मई 2018 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया था और उसे इस मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. इस केस में सिद्धू को पीड़ित गुरनाम सिंह को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया था. नवजोत सिंह सिद्धू ने अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनाई गई एक साल की सजा के एक दिन बाद शुक्रवार 20 मई को अदालत में सरेंडर कर दिया था. 


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