Congress Crisis: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा समेत ‘जी-23’ समूह के कई नेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के आवास के बाहर हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन की निंदा की. साथ ही कहा कि इस ‘सुनियोजित उपद्रव’ में शामिल लोगों के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं भूपेश बघेल और अश्विनी कुमार जैसे नेताओं ने सिब्बल के बयानों को लेकर उन्हें निशाने पर लिया. इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि सीडब्लयूसी की बैठक बहुत जल्द बुलाई जाएगी. सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है.


पी चिदंबरम का बयान
पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सिब्बल के घर के बाहर प्रदर्शन को लेकर कहा कि वह आहत महसूस कर रहे हैं. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं असहाय महसूस करता हूं जब हम पार्टी के भीतर सार्थक संवाद आरंभ नहीं कर सकते. मैं उस वक्त भी आहत और असहाय महसूस करता हूं जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अपने एक साथी और सांसद के आवास के बाहर नारेबाजी किए जाने की तस्वीर देखता हूं. लगता है कि भलाई इसी में है कि व्यक्ति चुप्पी साध कर रखे.’’


गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद ने ट्वीट किया, ‘‘मैं कपिल सिब्बल के घर के बाहर बीती रात हुए सुनियोजित उपद्रव की कड़ी निंदा करता हूं. वह एक वफादार कांग्रेसी हैं जो संसद के बाहर और भीतर पार्टी के लिए लड़ रहे हैं. किसी भी जगह से आने वाले सुझाव का स्वागत होना चाहिए, उसे दबाना नहीं चाहिए. उपद्रव अस्वीकार्य है.’’


आनंद शर्मा
आनंद शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘कपिल सिब्बल के घर पर हमला और उपद्रव के बारे में सुनकर स्तब्ध और आहत हूं. इस निंदनीय कृत्य से पार्टी की बदनामी होती है. इसकी कड़ी भर्त्सना की जानी चाहिए.’’ राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि मतभिन्नता लोकतंत्र का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह है कि वह कड़ी कार्रवाई करें.’’


भूपेंद्र सिंह हुड्डा
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, ‘‘कपिल सिब्बल के आवास के बाहर बीती रात हुए सुनियोजित उपद्रव कांग्रेस की संस्कृति नहीं है. अगर किसी की अलग राय है तो उसे पार्टी के मंच पर लाना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए.’’


मनीष तिवारी
कांग्रेस के लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘कपिल सिब्बल के आवास के बाहर कल रात हुए सुनियोजित उपद्रव की निंदा करता हूं. इस हमले के जो सूत्रधार हैं उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि वह (सिब्बल) कांग्रेस के लिए अदालत के बाहर और भीतर दोनों जगह लड़ते हैं. आप उनके विचारों से असहज जरूर हो सकते हैं, लेकिन इन विचारों को हिंसा से नहीं दबाया जा सकता.’’


उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग पिछली रात की हरकत का बचाव कर रहे हैं, वो देख लें, कि क्या हुआ है. उन लोगों (प्रदर्शनकारियों) ने कार को क्षतिग्रस्त कर दिया. कार पर खड़े हो गए. घर के भीतर और बाहर टमाटर फेंके. अगर यह उपद्रव नहीं है तो फिर क्या है?’’


तिवारी के ट्वीट के जवाब में ‘जी-23’ के एक अन्य सदस्य विवेक तन्खा ने कहा, ‘‘ उस व्यक्ति (सिब्बल) के साथ ऐसा कभी नहीं होना चाहिए जिसने (अदालती प्रक्रिया से) कांग्रेस की कई सरकारों एवं व्यक्तियों को बचाया और विपक्ष की सरकारों को हटवाया. लोग उनसे असहमत हो सकते हैं. प्रदर्शन करिये, लेकिन उनकी कार को नुकसान मत पहुंचाइए. अपने जीवन में मैंने कभी भी उपद्रव को प्रोत्साहित नहीं किया.’’


आजाद, सिब्बल, शर्मा, हुड्डा, तिवारी और तन्खा उन 23 प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने पिछले वर्ष कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में संगठन चुनाव करवाने की मांग की थी. इस समूह के एक नेता जितिन प्रसाद अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.


सिब्बल के विरोध में आवाजें
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कपिल सिब्ल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘​कपिल सिब्बल हमारे वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री हैं. वह वरिष्ठ वकील भी हैं. उनका इस प्रकार से बयान देना निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है.''


कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि पार्टी नेताओं को आंतरिक मामलों को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को दुख पहुंचता है. वहीं अजय माकन ने आरोप लगाया कि सिब्बल जैसे नेता पार्टी के उन कार्यकर्ताओं का हौसला पस्त कर रहे हैं जो कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़े हैं.


पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने शायरी के जरिये सिब्बल और उनका समर्थन कर रहे नेताओं पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रेस वार्ता करने वालों की पहचान शायर से जान: ‘बाग़बां ने आग दी जब आशियाने को मेरे, जिन पे तकिया था, वही पत्ते हवा देने लगे.’ कुछ लोग खुद को ऊंचा दिखने के लिए नेताओं पर कटाक्ष करते हैं.’’


कपिल सिब्बल की ओर से पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किये जाने के बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने बुधवार को उनके आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की.


सिब्बल के आवास के बाहर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘गेट वेल सून सिब्बल’ (सिब्बल आप जल्द स्वस्थ हों) लिखा हुआ था. उन्होंने ‘गद्दारों को पार्टी से बाहर निकालो’ के नारे भी लगाए.


सिब्बल ने क्या कहा था?
सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराये जाने चाहिए.


उन्होंने कई नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि ‘‘जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं.’’ सिब्बल ने जोर देकर कहा, ‘‘हम ‘जी हुजूर 23’ नहीं हैं. हम अपनी बात रखते रहेंगे.’’


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