Congress Crisis: कांग्रेस ने भले ही चुनावी हार से निपटने के लिए चिंतन शिविर में खूब चिंतन किया हो, लेकिन इस महाचिंतन के बावजूद पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. तमाम बड़े नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है. राजस्थान में आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के बाद पार्टी के तीन बड़े नेताओं ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया. जिसे पार्टी के लिए एक के बाद एक बड़े झटकों की तरह देखा जा रहा है. 


कांग्रेस के चिंतन शिविर को खत्म हुए अभी महज 10 ही दिन हुए हैं, लेकिन पार्टी में नेताओं की विदाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पंजाब के बड़े नेता सुनील जाखड़ ने कांग्रेस चिंतन शिविर के बीच ही अपना इस्तीफा दे दिया था. जाखड़ लंबे समय से पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे थे. जिसके बाद उन्होंने 50 साल का नाता तोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. 


गुजरात चुनाव से पहले बड़ा झटका
सुनील जाखड़ के बाद कांग्रेस को दूसरा बड़ा झटका गुजरात में लगा. जहां पाटीदार नेता और प्रदेश अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. हार्दिक पटेल ने अपने इस्तीफे के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम एक चिट्ठी भी लिखी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को सिर्फ विरोध की राजनीति करने वाली पार्टी बताया, वहीं आर्टिकल 370, राम मंदिर और सीएए-एनआरसी जैसे मुद्दों का जिक्र कर बीजेपी सरकार की तारीफ भी की. फिलहाल हार्दिक पटेल ने किसी भी पार्टी को ज्वाइन नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि वो चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. 


कपिल सिब्बल का इस्तीफा
पिछले 10 दिन में कांग्रेस को तीसरा बड़ा झटका पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के सीनियर नेता कपिल सिब्बल के तौर पर लगा है. सिब्बल ने अचानक खुलासा करते हुए बताया कि वो कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं और समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा जा रहे हैं. कपिल सिब्बल कांग्रेस के नाराज ग्रुप जी-23 का हिस्सा थे, वो पार्टी की लीडरशिप को लेकर लगातार सवाल उठा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. 


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