Bihar JDU Meeting: मौजूदा सियासी हलचल के बीच आज का दिन अहम होने वाला है. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अपनी पार्टी के विधायकों और सांसदों के साथ बैठक करने वाले हैं. वहीं मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस ने भी बैठक बुलाई है. जानिए इस सियासी हलचल से जुड़ी बड़ी बातें-



  1. बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) गठबंधन में संभावित टूट की आशंका के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में गठबंधन के भविष्य को लेकर फैसला लिया जा सकता है. 

  2. सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू-बीजेपी में तनातनी के बीच सोमवार की शाम को सीएम नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच फोन पर बात भी हुई है. बिहार में बीजेपी वेट एंड वॉच की स्थिति में है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी की तरफ से जेडीयू को तोड़ने का कोई प्रयास नहीं किया जायेगा. ना ही बीजेपी अपनी तरफ से सरकार को गिराने का कोई प्रयास करेगी. 

  3. माना जा रहा है कि इससे पहले दिन में बीजेपी नेता व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की सीएम नीतीश कुमार के साथ बैठक हुई है. जिसमें दोनों तरफ से बयानबाजी ना करने की बात कही गई. बीजेपी ने अपने नेताओं से विवाद पर टिप्पणी नहीं करने और नीतीश कुमार के फैसले का इंतजार करने को कहा है. 

  4. उपमुख्यमंत्री के साथ नीतीश कुमार की मुलाकात के बावजूद उनकी पार्टी ने नीतीश कुमार के खिलाफ काम करने और सहयोगियों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी पर कड़ा प्रहार कर रही है. जेडीयू नेता बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की हालिया टिप्पणी का हवाला दे रहे हैं. जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में सभी अन्य राजनीतिक दल गायब हो जाएंगे और केवल बीजेपी ही बचेगी. 

  5. बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा, "हमारे सभी नेताओं द्वारा स्थिति की समीक्षा करने के बाद हम फैसला करेंगे." पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी जो भी फैसला करेगी, उसे जेडीयू का हर सदस्य स्वीकार करेगा. बैठक को लेकर जदयू विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि बैठक में क्या होगा फिलहाल तो ये नहीं कहा जा सकता, लेकिन कुछ बड़ा होने वाला है.

  6. सुबह 11 बजे राजद की भी अलग बैठक होगी. जेडीयू और बीजेपी में मनमुटाव की अटकलों के बीच राष्ट्रीय जनता दल ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के साथ संबंध तोड़ देते हैं तो वह उन्हें और उनकी पार्टी को गले लगाने के लिए तैयार हैं. राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि राजद भाजपा से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. अगर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ देते हैं तो राजद नेता तेजस्वी यादव उनको समर्थन की पेशकश करेंगे. राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि हमें अभी बिहार में राष्ट्रपति शासन की ऐसी कोई संभावना नहीं दिख रही है. सबसे पहले, यह तय किया जाना चाहिए कि क्या होगा. हम बिहार की जनता के निर्देश के अनुसार निर्णय लेंगे. 

  7. बिहार कांग्रेस के विधायकों को भी पटना मे इकट्ठा किया गया है. बिहार कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा ने कहा कि हमारी पार्टी का फैसला पार्टी आलाकमान लेगा. विधायक आ चुके हैं और कम से कम 10 अगस्त तक पटना में रहेंगे. हम पहले से ही राजद के साथ गठबंधन में हैं और अभी सीएम नीतीश कुमार से बात नहीं की है. 

  8. इस सियासी घमासान को लेकर वाम दलों ने कहा कि बीजेपी को छोड़कर यदि सत्ता में आने के लिए कोई गठबंधन बनता है तो वे उसका स्वागत करेंगे. बिहार में 12 विधायकों वाले सबसे बड़े वाम दल भाकपा-माले ने कहा कि यदि जदयू भाजपा का साथ छोड़कर नए गठबंधन से जुड़ता है तो वह मदद का हाथ बढ़ाएगा. भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘यदि जदयू बीजेपी से गठजोड़ तोड़ता है और नई सरकार बनती है तो हम मदद का हाथ बढ़ाएंगे.’’ 

  9. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने गया सम्मेलन में स्पष्ट किया था कि राज्य को बीजेपी से बचाने के लिए, जिन किन्हीं कदमों की जरूरत होगी, हम वे कदम उठाएंगे.  वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का मानना है कि यदि सत्ता समीकरण बदलता है तो यह सकारात्मक घटनाक्रम होगा. राष्ट्रीय स्तर पर माकपा सबसे बड़ा वाम दल है, लेकिन बिहार में उसके दो ही विधायक हैं. माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य नीलोत्पल बसु ने कहा, ‘‘यदि नया समीकरण बनता है तो यह एक सकारात्मक घटनाक्रम होगा. यदि बीजेपी का प्रभाव घटता है तो हम उसका स्वागत करेंगे.’’

  10. इस सियासी संकट में एक प्रमुख भूमिका आरसीपी सिंह (RCP Singh) की है, जिन्होंने शनिवार शाम नीतीश कुमार की पार्टी छोड़ दी थी. पूर्व राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह और सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कभी बेहद करीबी थे. पार्टी ने उन्हें इस बार राज्यसभा भेजने से इनकार कर दिया गया था, जिसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री के रूप में इस्तीफा देना पड़ा था. पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी जदयू (JDU) द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया है. 


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