कोलकाता: असम में ड्रग्स के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर राज्य के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने फिल्म 'उड़ता पंजाब' का ज़िक्र करते हुए कहा कि 'उड़ता पंजाब' की तरह, असम भी 'उड़ता असम' बनने की राह पर था.' असम विधानसभा के बजट सत्र के दौरान असम गण परिषद के विधायक प्रदीप हजारिका द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने ये बात कही.


उन्होंने कहा, "हमने 'उड़ता पंजाब' फिल्म देखी थी, जहां हमने अवैध ड्रग्स के खतरे के कारण पंजाब की स्थिति देखी थी. असम भी 'उड़ता असम' बनने की ओर अग्रसर था. लेकिन असम पुलिस जो अपना काम कर रही है और अवैध नशीले पदार्थों के खिलाफ जंग जारी रखे हुए है, हमें लगता है कि हम राज्य के कई युवाओं, परिवारों को इससे बचाने में सफल रहे हैं.”


सीएम सरमा ने कहा, “पहले असम उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के अन्य हिस्सों और पड़ोसी देशों से शेष भारत में आने वाली अवैध दवाओं के लिए एक पारगमन मार्ग था. लेकिन स्थिति बदल गई है और असम में अवैध ड्रग्स का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है और राज्य के कई युवा इसके शिकार हुए हैं. नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पहले भी जारी थी. लेकिन हमने नशीले पदार्थों के खिलाफ जंग छेड़ दी है."


असम में नई सरकार के सत्ता में आने पर पिछले दो महीनों के आंकड़ों को साझा करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “अपने छोटे कार्यकाल के दौरान हमने लगभग 28 किलोग्राम हेरोइन, 12,823 किलोग्राम गांजा, 41 किलोग्राम अफीम जब्त की है." उन्होंने बताया कि पुलिस ने कफ सिरप की 78000 बोतलें, 13.63 लाख गोलियां, 3 किलो मॉर्फिन, 3 किलो क्रिस्टलीय दवाएं, 33 किलो पोस्ता पुआल, 1.80 करोड़ रुपये नकद भी ज़ब्त किए हैं.


उन्होंने कहा कि असम पुलिस ने 2016 में 10 किलो हेरोइन, 2017 में 5 किलो, 2018 में 7 किलो, 2019 में 23 किलो और 2020 में 27 किलो हेरोइन जब्त की थी और यह राज्य में बढ़ती दवाओं की उपलब्धता को दर्शाता है. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "हमने अब अवैध दवाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाया है और राज्य भर में बड़े पैमाने पर अभियान चल रहे हैं."


उन्होंने ये भी कहा कि जब्त दवाओं को 17 जुलाई और 18 जुलाई को गोलाघाट, दीफू, नगांव और होजई में सार्वजनिक रूप से जलाया जाएगा, ताकि ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का संदेश दिया जा सके.



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