Supreme Court on Electoral Bonds Case: मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) संस्‍था की ओर से गुरुवार (7 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना ​​याचिका दायर की ज‍िस पर कोर्ट ने संज्ञान ल‍िया. कोर्ट में याच‍िकाकर्ता एडीआर की तरफ से वकील प्रशांत भूषण पेश हुए. उनकी तरफ से दलील देते हुए कोर्ट से आग्रह क‍िया क‍ि एसबीआई के ख‍िलाफ अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू की जाए.  


न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताब‍िक, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में ADR संस्‍था की ओर से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के आवेदन को चुनौती दी गई ज‍िसमें राजनीतिक दलों की ओर से भुनाए गए हर चुनावी बांड की ड‍िटेल का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय बढ़ाने की मांग की गई. इस याचिका में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के खिलाफ अवमानना कार्यवाही का आग्रह किया गया है. एडीआर ने यह कदम एसबीआई की ओर चुनावी बॉन्ड पर डेटा प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग करने के बाद उठाया है.


SBI याच‍िका के साथ अवमानना कार्यवाही आवेदन सुनवाई का आग्रह   


वर‍िष्‍ठ अध‍िवक्‍ता प्रशांत भूषण ने कहा कि एसबीआई की ओर से दायर याचिका 11 मार्च के ल‍िए ल‍िस्‍टेड होने की संभावना है. इसल‍िए अवमानना ​​​कार्यवाही के ल‍िए दाख‍िल ​आवेदन पर भी एक साथ सुनवाई की जानी चाहिए. इस पर मुख्‍य न्‍यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि कृपया एक ई-मेल भेजें. मैं आदेश पारित करूंगा. 


एसबीआई ने 4 मार्च को शीर्ष अदालत का रुख किया था और चुनावी बॉन्ड की ड‍िटेल का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय बढ़ाने की मांग की थी. 


कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड  मामले में सुनाया था 15 फरवरी को फैसला 


चुनावी बॉन्‍ड के मामले में 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने ADR और अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. शीर्ष अदालत ने 2018 की चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. वहीं, चुनाव आयोग को 13 मार्च तक इसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया था. 


एसबीआई ने ईसीआई को नहीं दी चुनाव बॉन्‍ड मामले की जानकारी  


केंद्र सरकार के नियंत्रण बैंक की ओर से अभी तक भारत के न‍िर्वाचन आयोग को कोई जानकारी नहीं दी है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के 15 फरवरी को दिए निर्देश के अनुसार ऐसा करना जरूरी था. कोर्ट ने अपने पिछले माह के आदेश में एसबीआई को 6 मार्च तक चुनाव आयोग (ईसी) को विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. 


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