तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तारीफ की है. उन्होंने अकेले दम पर सुनिश्चित किया कि दक्षिणी राज्य में क्रिसमस मनाया जा सके. इस पर बीजेपी ने भी निशाना साधा है. एक कार्यक्रम में रेड्डी ने कहा, तेलंगाना में क्रिसमस सिर्फ सोनिया गांधी के बलिदान की वजह से मनाया जा रहा है. 

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हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम में सरकार की तरफ से आयोजित क्रिसमस कार्यक्रम में कहा, 'अगर आज तेलंगाना में लोग क्रिसमस मना रहे हैं. तो इसमें सोनिया गांधी की अहम भूमिका और बलिदान की वजह से है.'

उन्होंने कहा कि दिसंबर का महीना तेलंगाना के लिए खास महत्व रखता है. इसी महीने सोनिया गांधी का जन्मदिन भी आता है. इसी महीने राज्य का गठन भी हुआ था.  

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BJP ने कहा- ये बयान गांधी नेहरू परिवार को खुश करने वालावहीं, इस पूरे मामले पर बीजेपी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने गलत तुलना की है और एक धार्मिक त्योहार का राजनीतिकरण किया है. बीजेपी प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, 'सोनिया गांधी ने कभी हिंदू मान्यताओं में विश्वास नहीं दिखाया. वह अपने जन्म से ईसाई धर्म का पालन करती हैं. कई लोगों ने बताया कि जब वह सत्ता में थीं, तो उनके जनपथ स्थित आवास पर क्रिसमस मनाया जाता था. दिवाली नहीं. '

उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी मान्यताओं का पालन करने का अधिकार है. एक राष्ट्राध्यक्ष की इस पर टिप्पणी सही नहीं है. बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने रेड्डी की तरफ से जारी बयान को नेहरू-गांधी परिवार को खुश करने वाला बताया. 

कोहली ने कहा, यह समझा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी में हर कोई नेहरू-गांधी परिवार को खुश करना चाहता है. क्या वजह है कि वो कह रहे हैं कि आप क्रिसमस मना रहे हैं? कांग्रेस पार्टी के नेता मुसलमानों या ईसाईयों को वोट बैंक के नजरिए से क्यों देख रहे हैं?