राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (21 दिसंबर, 2025) को संघ के मुस्लिम विरोधी होने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आरएसएस मुस्लिम विरोधी नहीं है. जो देखना चाहते हैं, वे आकर देख सकते हैं. आरएसएस का दरवाजा हमेशा खुला रहा है.

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दरअसल, सरसंघचालक मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल के चार दिवसीय प्रवास के दौरान कोलकाता में साइंस सिटी सभागार में कोलकाता व्याख्यानमाला के तृतीय सत्र-100 वर्ष की संघ यात्रा- नए क्षितिज कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि धारणा है कि संघ मुस्लिम विरोधी है, जबकि संघ में कोई दरवाजा बंद नहीं है. कभी आकर RSS को देखिए. अगर लगता है कि हम मुस्लिम विरोधी हैं, तो ऐसी धारणा बनाइए.

जिसे नहीं समझना है, उसे समझाकर कोई फायदा नहीं- मोहन भागवत

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उन्होंने आगे कहा, 'अगर आपको संघ मुस्लिम विरोधी लगता है, तो आप अपनी धारणा बदलिए. मैं कहता हूं कि अब समझाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि समझने के लिए आपके सामने बहुत कुछ मौजूद है और जिसे नहीं समझना है, उसे समझाकर कोई फायदा नहीं है. अगर जानना है तो आकर देखिए, उसके बाद जैसी भी आपकी राय बनती है, बना लीजिए.'

मुसलमानों सिर्फ पूजा-पद्धति से अलग हैं- मोहन भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, 'मैं चैलेंज करता हूं कि आकर RSS को देखिए. बहुत लोग हमें देखने के लिए आए हैं और देखकर उन्होंने माना है और कहा है कि आप लोग मुस्लिम विरोधी नहीं हैं. आप लोग कट्टर राष्ट्रवादी हैं और हिंदुओं के संरक्षण के पक्ष में हैं, लेकिन मुसलमानों के विरोधी नहीं हैं.' उन्होंने कहा कि मुसलमानों को यह समझना चाहिए कि पूजा-पद्धति से वे अलग हैं, लेकिन संस्कृति, राष्ट्र और समाज के नाते एक ही बड़ी इकाई के अंग हैं. बस यह समझने से सब ठीक हो जाएगा. इसके अलावा कोई बड़ी समस्या नहीं है.

बाबरी मस्जिद का निर्माण राजनीतिक षड्यंत्र है- मोहन भागवत

उन्होंने कहा, 'एक झगड़ा शुरू हुआ और अंत में मामला कोर्ट के पास गया. कोर्ट ने लंबे समय तक विचार करने के बाद निर्णय दिया और वहां राम मंदिर बन गया. मंदिर-मस्जिद वाला झगड़ा समाप्त हो गया.' उन्होंने कहा, 'अब फिर से बाबरी मस्जिद बनाकर उस झगड़े को शुरू किया जा रहा है. यह राजनीतिक षड्यंत्र है. यह सिर्फ वोट के लिए हो रहा है. न यह मुसलमानों के लिए है और न ही हिंदुओं की भलाई के लिए है. झगड़ा खत्म हो रहा है और अच्छी सद्भावना बनेगी, लेकिन इस तरह फिर से खाई को चौड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए.'

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