नई दिल्ली: कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में अब कोरोना वैक्सीन के अगले चरण के तहत 60 साल के ऊपर के बुजुर्गो का टीकाकरण किया जा रहा है. इसके साथ ही 45 से 60 साल तक के उन लोगों को भी कोरोना का टीका दिया जा रहा है जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. ऐसे में बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने टीकाकरण के लिए ज्यादा निजी अस्पतालों को अनुमति देने का फैसला किया है.


कोविड-19 टीका सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दिया जा रहा है, जबकि निजी अस्पतालों में लोगों को इसके लिए भुगतान करना पड़ रहा है. प्राइवेट हॉस्पिटलों में कोरोना के टीकाकरण के लिए 250 रुपये की अधिकतम सीमा तय की गई है. इस तरह कोरोना टीके की दो खुराक के लिए आपको 500 रुपये देने होंगे. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है.


आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत लगभग 10,000 निजी अस्पतालों, सीजीएचएस के तहत सूचीबद्ध 600 से अधिक अस्पतालों और राज्य सरकारों की स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत अन्य निजी अस्पताल कोविड टीकाकरण केन्द्रों (सीवीसी) के रूप में शामिल किया है. इन सभी निजी अस्पतालों की एक लिस्ट स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड की गई है.


60 से ज्यादा उम्र वाले लोग फोन से करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
यदि किसी व्यक्ति को कोरोना का टीका लगवाना है तो सबसे पहले उसे इसके लिये रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके लिए आप खुद कोविन 2.0 पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. वहीं आरोग्य सेतु ऐप के जरिये कोविन वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, इसके अलावा आप अपने नजदीक के वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.


कोविन ऐप या वेबसाइट पर जा कर अपना मोबाइल नंबर डालें, जिसके बाद आपके पास एक ओटीपी आएगा, इसके बाद आपको अपना नाम, उम्र, लिंग आदि की जानकारी देनी होगी और एक फोटो पहचान पत्र अपलोड करना होगा. अगर आपकी उम्र 45 साल से ज्यादा है और दूसरी बीमारियों से गश्त हैं तो उसका सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा. अब आपको टीकाकरण केंद्र और तारीख का चुनाव करना होगा, एक मोबाइल नंबर के जरिए 4 अपॉइंटमेंट्स लिए जा सकते हैं.


हालांकि 60 से ज्यादा उम्र वाले लोग फोन से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके लिए आपको कॉल सेंटर का नंबर 1507 डायल करना होगा. वहीं 45-60 आयुवर्ग के जो लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत होगी. इस कैटेगरी में 20 बीमारियों की पहचान की गई है। 60 से ऊपर के लोगों के किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें आधार कार्ड के माध्यम से अपनी पहचान को मान्य करना होगा.


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