नई दिल्लीः केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) परिसर से 1,838 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने का फैसला किया है, जिसे सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत तीन नये कार्यालय भवनों के निर्माण के वास्ते ध्वस्त करना प्रस्तावित है.


सीपीडब्ल्यूडी ने बोलियां आमंत्रित की हैं जिसके अनुसार संबंधित एजेंसी को 60 दिनों में पेड़ों को एक जगह से निकालकर दूसरे जगह लगाने होगा और 365 दिन ट्रांसप्लांट किये गए पेड़ों का रखरखाव करना होगा. सीपीडब्ल्यूडी ने कहा कि पूरी परियोजना को लगभग 1.86 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से क्रियान्वित किया जाएगा.


पिछले महीने, सीपीडब्ल्यूडी ने राजपथ के साथ साझा केंद्रीय सचिवालय के तहत 3,269 करोड़ रुपये की लागत से तीन नये कार्यालय भवनों के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं और 139 करोड़ रुपये पांच साल के रखरखाव के लिए अलग रखे गए थे. ये तीन नये भवन उस प्लॉट पर निर्मित होंगे जहां वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र स्थित है.


पेड़ों के प्रतिरोपण के लिए बोलियों के अनुसार प्लॉट संख्या 137 पर (लगभग) 2,219 पेड़ हैं, जिनमें से (लगभग) 1,838 पेड़ प्रतिरोपित किए जाने हैं. पेड़ों को एक स्थान से निकालकर दूसरे जगह लगाने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी और इसे पाक्षिक रूप से सीपीडब्ल्यूडी को प्रस्तुत किया जाएगा। अगर एजेंसी ऐसा नहीं करती है तो 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.


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