नई दिल्ली: राज्यों के मंत्रियों की एक समिति पान-मसाला, गुटखा और ईंट भट्टों जैसे कर चोरी की आशंका वाले क्षेत्रों में उनकी विनिर्माण क्षमता के आधार पर जीएसटी लगाने की संभावना पर विचार करेगी. 


ओडिशा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी की अगुवाई वाली सात सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) कर चोरी रोकने के लिए मेंथा तेल और इस तरह के अन्य क्षेत्रों में उल्टी शुल्क प्रक्रिया के आधार पर जीएसटी लगाने पर भी विचार करेगा. जीओएम छह महीनों में जीएसटी परिषद को कुछ क्षेत्रों में क्षमता आधारित कराधान और विशेष संरचना योजना पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. 


मंत्री समूह की संदर्भ की शर्तों (टीओआर) के अनुसार समिति मौजूदा कानूनी प्रावधानों के तहत पान-मसाला, गुटखा, ईंट भट्टों, रेत खनन आदि जैसे क्षेत्रों, जहां जीएसटी चोरी की आशंका काफी अधिक है, वहां विनिर्माण इकाई और विशेष संरचना योजनाओं की क्षमता के आधार पर जीएसटी लगाने की संभावनाएं तलाशेगी. 


जीओएम के अन्य सदस्यों में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल, मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल हैं. 


विशेषज्ञों का मानना है कि पान मसाला में उपयोग होने वाली मुख्य सामग्रीय मेंथा तेल को जीएसटी की उल्टा शुल्क प्रणाली के तहत लाने से जीएसटी चोरी कम करने में मदद मिलेगी. इसके तहत सामान यदि बिना पंजीकरण वाले कारोबारी से खरीदा जाता है तो जीएसटी पंजीकृत डीलरों को कर का भुगतान करना होता है. 


गौरतलब है कि पान मसाला जैसे उपभोकता उत्पाद कर चोरी की आशंका वाले क्षेत्र हैं. ये छोटे छोटे पैकेट में बेचे जाते हैं और इनकी बिक्री ज्यादातर नकदी लेनदेन से होती है, ऐसे में इनकी अंतिम स्तर पर आपूर्ति मात्रा का पता लगाना मुश्किल होता है.