नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आईटी उद्योग विशेष रूप से बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग यानि बीपीओ और आईटी सक्षम सेवाओं के व्यापार  को बेहतर बनाने के उद्देश्य से दूरसंचार विभाग के अन्य सेवा प्रदाता यानि ओएसपी दिशानिर्देशों को काफी सरल कर दिया है. नए दिशा-निर्देश बीपीओ उद्योग के नियमों के बोझ को काफी कम कर देंगे.


नई गाइड लाइन के मुताबिक ओएसपी के लिए पंजीकरण की आवश्यकता पूरी तरह से खत्म कर दी गई है और जो बीपीओ उद्योग डाटा से संबंधित काम में लगे हुए हैं उन्हें ओएसपी नियमों के दायरे से बाहर कर दिया गया है.


इसके अलावा, बैंक गारंटी जमा करने, स्थिर आईपी के लिए आवश्यकता,  लगातार रिपोर्टिंग दायित्वों,  नेटवर्क आरेख के प्रकाशन, दंड प्रावधानों आदि जैसी आवश्यकताओं को भी हटा दिया गया है.


इसी प्रकार, कई अन्य आवश्यकताएं जिनके कारण कंपनियों ने ‘वर्क फ्रॉम होम’ और ‘वर्क फ्रॉम एवरीवेयर’ नीतियों को अपनाने से भी हटा दिया है. उद्योग के लिए लचीलापन बढ़ाने के लिए अतिरिक्त वितरण की अनुमति दी गई है.


नया ढांचा भारत के उद्योग को एक मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करेगा और भारत को विश्व के सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी आईटी क्षेत्र में से एक बना देगा. नए दिशा-निर्देश प्रधानमंत्री मोदी के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के मंत्र से प्रेरित हैं.


भारत का आईटी उद्योग देश के लिए गर्व का विषय है और नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य अनावश्यक नौकरशाही प्रतिबंधों को हटाना है ताकि उद्योग को नए-नए उत्पादों और समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिल सके.


इस सुधार के साथ, भारत सरकार ने आईटी उद्योग को अपने समर्थन का एक मजबूत संकेत दिया है जो इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है.


ये सुधार निश्चित रूप से भारत और सूचना आउटसोर्सिंग उद्योग के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में हमारे प्रतिभाशाली युवाओं की क्षमता को उजागर करेगा और आत्म निर्भर भारत ’की दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा.


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