नई दिल्ली: एलएसी पर विवाद खत्म करने के लिए आठवें दौर की बैठक से एक दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान किया है कि देश को जितना बड़ा बलिदान भी देना पड़े लेकिन अपनी सीमाओं की सुरक्षा और संप्रभुता से समझौता नहीं किया जाएगा. रक्षा मंत्री का सीधा इशारा एलएसी पर चीन से चल रहे टकराव को लेकर था.


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) के डायमंड जुबली स्थापना वर्ष के मौके पर आयोजित एक बेविनार को संबोधित कर रहे थे. रक्षा मंत्री ने दो टूक शब्दों में चीन का नाम लिए बगैर कहा, "भारत एक शांतिप्रिय देश है और हमारा मानना ​​है कि मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए. हम बातचीत के माध्यम से मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान को महत्व देते हैं. साथ ही हम अपनी सीमाओं पर शांति के लिए भारत द्वारा किए गए विभिन्न समझौतों और प्रोटोकॉल का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लेकिन, भारत यूनिलेटरिज्म और एग्रेशन (यानि एकपक्षीयता और आक्रामकता) के सामने अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ है, चाहे फिर कैसा ही बलिदान ही क्यों ना देना पड़े."


राजनाथ सिंह ने कहा कि शांति इच्छा से नहीं आती है, शांति आती है अपनी क्षमताओं को मजबूत करने से ताकि बिना युद्ध को किए ही युद्ध को रोका जा सके. राजनाथ सिंह के मुताबिक, यही हमारी पॉलिसी (रणनीति) है.


आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर पिछले छह महीने से चल रहा तनाव खत्म करने के लिए शुक्रवार को दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की मीटिंग है. ये मीटिंग भारत की तरफ चुशूल में होना तय हुआ है. भारत की तरफ से पहली बार लेह स्थित 14वीं कोर के ने कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. पिछली दो मीटिंग में मेनन मौजूद जरूर रहे थे लेकिन नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया था. हरिंदर सिंह अब नई पोस्टिंग पर आईएमए देहरादून चले गए हैं.


पिछली मीटिंग में चीन ने एलएसी पर तनाव खत्म करने के कई प्रपोज़ल दिए थे. जिनमें दोनों देशों के ‌सैनिकों द्वारा फिंगर 4 को खाली करने से लेकर एलएसी से टैंक और तोप हटाना था. लेकिन भारत ने चीन के अधिकतर प्रस्तावों को मानने से इंकार कर दिया था.


एनडीसी के वेबिनार को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा‌ कि आज हमारे सामरिक-संबंध अमेरिका से पहले से कही ज्यादा मजबूत हैं. साथ ही उन्होने कहा कि जापान और आस्ट्रेलिया जैसे लाइक-माइंडेड देशों से करीबी संबंध हैं. इनदिनों भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया की नौसेनाएं बंगाल की खाड़ी में साझा युद्धभ्यास, मालाबार कर रही हैं.


पाकिस्तान का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को छोड़कर हमारे सभी पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान से इसलिए अच्छे संबंध नहीं है क्योंकि पाकिस्तान की स्टेट-पॉलिसी 'आतंकवाद' है.


वेबिनार में बोलते हुए रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि अपने मूल्यों (शांति) के चलते ही लद्दाख में जितना भी दवाब (चीन की तरफ से हुआ) भारत वहां डटा रहा. दो दिन तक चलने वाले इस वेबिनार में शुक्रवार को सीडीएस, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों सहित गृह सचिव संबोधित करेंग.