केंद्र ने इथेनॉल बनाने के लिए साल 2020-21 में डिस्टिलरीज को 20 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर भारतीय खाद्य निगम के शेयरों से लगभग 78,000 टन चावल बांटा है. इसकी जानकारी खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने मंगलवार को दी है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुधांशु पांडेय ने कहा कि '2025 तक इथेनॉल का कुल उत्पादन 740 करोड़ लीटर और चीनी आधारित 760 करोड़ लीटर हो जाएगा', इसलिए कुल मिलाकर हम 1,500 करोड़ लीटर की आपूर्ति का लक्ष्य बना रहे हैं'.


खाद्य सचिव ने बताया कि देश में अनाज आधारित डिस्टिलरी की क्षमता लगभग 258 करोड़ लीटर है और वो पहले से ही अल्कोहल आधारित उत्पादों के उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं पिछले साल लगभग 16 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति की गई थी, जो इस साल लगभग 38 करोड़ लीटर होने जा रहा है. खाद्य मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक साल 2025 में अनाज से आवश्यक एथेनॉल का उत्पादन करने के लिए लगभग 165 लाख टन अनाज का उपयोग किया जाएगा. जबकि मौजूदा इथेनॉल आपूर्ति वर्ष में इथेनॉल का उत्पादन लगभग 592 करोड़ लीटर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें से 400 करोड़ लीटर चीनी से और शेष 192 करोड़ लीटर अनाज से आएगा.


पेट्रोल में 20 प्रतिशत मिलेगा इथेनॉल


सरकार ने 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है. उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पेट्रोल के साथ मिश्रण करने के लिए 1,000 करोड़ लीटर से ज्यादा इथेनॉल की आवश्यकता होगी. इसमें से आधा हिस्सा चीनी से आएगा और बाकी अनाज आधारित भट्टियो से आएंगा.


भट्टी लगाने की मिली मंजूरी


खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 31 मई 2021 तक इथेनॉल सम्मिश्रण 7.7 प्रतिशत तक पहुंच गया है और मौजूदा इथेनॉल साल के अंत तक सरकार को 8-8.5 प्रतिशत सम्मिश्रण प्राप्त करने की उम्मीद है. वहीं अनाज से एथनॉल बनाने के लिए अब तक 422 में से लगभग 189 प्रस्तावों के लिए भट्टी लगाने की मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 765 करोड़ लीटर होगी.


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