नई दिल्ली: केंद्र ने आज उत्तर प्रदेश और बिहार को निर्देश दिया कि शवों को गंगा और इसकी सहायक नदियों में फेंकने पर रोक लगाई जाए और उनके सुरक्षित, सम्मानजनक अंतिम संस्कार पर जोर दिया जाए. यह निर्देश ऐसे समय पर दिया गया है जब हाल में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ने के बाद इन नदियों में अनेक शव तैरते मिले थे. केंद्र ने 15-16 मई को हुई एक समीक्षा बैठक में कहा कि हाल ही में शवों, आंशिक रूप से जले और क्षत-विक्षत शव प्रवाहित करने के कई मामले सामने आए हैं जो ‘‘अत्यंत अनुचित और चिंताजनक’’ है.


जलशक्ति मंत्रालय ने कहा, ‘‘नमामि गंगे (मिशन) राज्यों को गंगा में शवों को प्रवाहित करने पर रोक लगाने और उनके सुरक्षित निस्तारण और सम्मानजनक अंतिम संस्कार पर जोर देने का निर्देश देता है.’’ राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर बार-बार पानी की क्वालिटी की निगरानी करने को कहा गया है. 


सरकारी आदेशों को प्रभावी रूप से लागू करने की जरूरत


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को संपूर्ण निगरानी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों का मार्गदर्शन करने और इस विषय में उच्चस्तरीय मूल्यांकन करने का जिम्मा सौंपा गया है. मंत्रालय ने कहा कि अंतिम संस्कार के लिए सहयोग को उच्च प्राथमिकता देने की जरूरत है, साथ ही सरकारी आदेशों को प्रभावी रूप से लागू करने की जरूरत है और ये सारे काम बिना देरी किए होने चाहिए.


राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा की तरफ से 11 मई को इस बारे में जिलाधिकारियों को परामर्श जारी किया गया था. इसके बाद नदियों में शवों को फेंके जाने से रोकने और कोविड-19 के मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार पर्यावरण दिशा-निर्देशों के अनुसार सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिवों को पत्र लिखा गया.


जलशक्ति मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार की अध्यक्षता में 15 मई को हुई बैठक में इस संबंध में उत्तर प्रदेश और बिहार के उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई और आगे की कार्रवाई के बिन्दुओं पर फैसला किया गया.


यह भी पढ़ें:


दिल्ली: वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ पोस्टर मामले में अब तक 25 लोग गिरफ्तार