CBI Raid: विपक्ष यह आरोप लगाता रहा है कि उन्हें निशाना बनाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. असल में आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछले 18 सालों में कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) की सरकारों में करीब 200 प्रमुख राजनेताओं पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया है. किसी को गिरफ्तार किया, किसी के घर पर छापे मारे या किसी से पूछताछ की है. इनमें 80 प्रतिशत से ज्यादा नेता विपक्ष के हैं.


द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि ऑफ कोर्ट रिकॉर्ड्स, आधिकारिक दस्तावेजों, एजेंसी के बयानों और रिपोर्टों की एक जांच से पता चलता है कि साल 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद से यह प्रवृत्ति काफी तेज हो गई है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के 10 सालों (2004-2014) के दौरान कम से कम 72 नेता सीबीआई जांच के दायरे में आए थे. इनमें से 43 (60 प्रतिशत) विपक्ष से थे.  


95 प्रतिशत विपक्षी नेताओं पर हुई सीबीआई जांच 


बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के 8 सालों में कम से कम 124 प्रमुख नेताओं को सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा. इनमें से 118 विपक्ष से हैं, यानी 95 प्रतिशत. सीबीआई के जाल में एनडीए के दूसरे कार्यकाल में एक मुख्यमंत्री समेत 12 पूर्व मुख्यमंत्री, 10 मंत्री, 34 सांसद, 27 विधायकों के अलावा 10 पूर्व विधायक और 6 पूर्व सांसद फंसे. जबकि यूपीए के दौर में 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा 2 मंत्री, 13 सांसद, 15 विधायक, एक पूर्व विधायक और 3 पूर्व सांसद शामिल हैं.


रिपोर्ट में यह भी देखा गया है कि अगर नेता सीबीआई की रडार पर है और इस दौरान पार्टी बदल लेता है तो उसके खिलाफ चल रही कार्रवाई भी ठंडे बस्ते में चली जाती है. हालांकि, सीबीआई ने द इंडियन एक्सप्रेस के एक सवाल का जवाब नहीं दिया, लेकिन एजेंसी के एक अधिकारी ने इसे "केवल एक संयोग" कहा और इस बात से इनकार किया कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया गया था. 


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