Narendra Modi Cabinet Decision: सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड के विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए पीएलआई योजना की मंजूरी दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने योजना की जानकारी देते हुए कहा कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. जिससे देश में सेमीकंडक्टर चिप्स का डिजाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग, टेस्टिंग और कंप्लीट इको सिस्टम डेवलप हो सके ऐसा फैसला लिया है. जिसके लिए आज 76 हजार करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट का अनुमोदन हुआ है.


इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए पीएलआई (production-linked incentive scheme) योजना पर 76,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. केंद्र सरकार इस योजना के ज़रिए देश को इलेक्ट्रॉनिक हब के तौरे पर विकसित करना चाहती है, क्योंकि माक्रोचिप्स की कमी की वजह से उद्योगों के प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ता है.


केंद्र सरकार के मुताबिक इस योजना में 6 साल में 76 हज़ार करोड़ का खर्च आएगा. भारत की सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए व्यापक कार्यक्रम को मंजूरी दी गई गई है. केंद्र ने बताया है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग देश बन गया है. सरकार का कहना है कि देश को इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए इसकी बहुत बड़ी भूमिका होगी.


 





दुनिया में 20% से सेमीकंडक्टर डिज़ाइनर भारत के


अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जिस देश ने वैफर बनाना नहीं सीखा वो पीछे रह जाएगा. इसके वैफर, चिप, सेमीकंडक्टर निर्माण, उसकी पैकेजिंग की पूरी चेन विकसित करने का काम होगा. उन्होंने कहा कि आज दुनिया में 20 प्रतिशत सेमीकंडक्टर डिज़ाइनर भारत के हैं. 85 हज़ार उच्च प्रशिक्षण प्राप्त इंजीनियर के लिए C2S यानी चिप से सेमीकंडक्टर का प्लान बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले 2 साल में 20 यूनिट स्थापित करेंगे.


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