Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को अपने आदेश के उल्लंघन के मामले में नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उनसे एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा कि ज्ञानदेव वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ दिए गए बयानों के संबंध में अपने पहले के आदेशों का "जानबूझकर उल्लंघन" करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. जबकि उन्होंने (नवाब वानखेड़े) अदालत में एक अंडरटेकिंग देते हुए आगे से ऐसा नहीं करने की बात कही थी.
क्या है पूरा मामला ?
एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी. इसके बाद मलिक ने वानखेड़े परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ मानहानिकारक बयान को तब तक पोस्ट नहीं करने का संकल्प लिया था जब तक कि इस मामले में कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है.
ज्ञानदेव वानखेड़े ने 6 दिसंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर कर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने अदालत की अवमानना की है क्योंकि उन्होंने अदालत में वचन देने के बावजूद उनके परिवार के खिलाफ बयान देना जारी रखा है.
कौन हैं नवाब मलिक ?
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी में नवाब मलिक अल्पसंख्यक, कौशल विकास और उद्यमिता विभाग के एनसीपी कोटे से कैबिनेट मंत्री हैं. नवाब मलिक मूलरूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. बाद में उनका परिवार महाराष्ट्र में शिफ्ट हो गया. नब्बे के दशक में देश में राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी को ज्वाइन किया और उन्हीं की पार्टी से महाराष्ट्र में दो बार के विधायक भी बने.
वर्ष 2004 में उन्होंने एनसीपी ज्वाइन की तबसे वह शरद पवार के सबसे करीबी लोगों में से एक हैं और वर्तमान में एनसीपी-शिवसेना सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.
Omicron Variant: दिल्ली, राजस्थान में बढ़ा ओमिक्रोन का खतरा, जानिए बचाव के ये जरूरी टिप्स