West Bengal: पश्चिम बंगाल की राजनीति में  इन दिनों माहौल गरमाया हुआ है. राज्य में विपक्ष के नेता (LoP) सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने बुधवार को कहा कि पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) और उनके करीबी सहयोगी को उनकी विस्तारित न्यायिक हिरासत के जवाब में "कड़ी" सजा दी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए अधिकारी ने एएनआई को बताया कि पार्थ चटर्जी ने बनर्जी के प्रभाव में 800-1000 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी.


उन्होंने कहा, "इन लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. एक स्पेशल ट्रायल चलाया जाना चाहिए ... ममता बनर्जी के प्रभाव में पार्थ चटर्जी ने 800-1000 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी और बेरोजगार युवाओं के सपनों को नष्ट कर दिया." सुवेंदु अधिकारी ने आगे कहा, ”शर्मनाक है कि गरीबों के पास रहने के लिए जगह नहीं है और राजनेता अपने अवैध धन को छिपाने के लिए अपार्टमेंट खरीद रहे हैं. भ्रष्ट व्यक्तियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए,"


बनर्जी के "गद्दार" बताए जाने पर अधिकारी ने दिया ये जवाब
बनर्जी द्वारा उन्हें "गद्दार" के रूप में संदर्भित करने के जवाब में, अधिकारी ने कहा कि हर कोई जानता है कि "गद्दार" कौन है या नहीं. उसे पहले आत्ममंथन करना चाहिए. उन्होंने कहा, "नंदीग्राम चुनाव के नतीजे खुद बोलते हैं, लोग जानते हैं कि कौन 'गद्दार' है और कौन नहीं. लोगों ने इसका जवाब दिया है, इसलिए मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा."


कोर्ट ने चटर्जी और मुखर्जी की हिरासत 14 सितंबर तक बढ़ाई
बता दें कि कोलकाता की एक विशेष अदालत ने बुधवार को स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 14 सितंबर तक बढ़ा दी. इससे पहले कोलकाता में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 31 अगस्त तक बढ़ाई थी. गौरतलब है कि पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने भर्ती घोटाले के सिलसिले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था.ईडी ने घोटाले में कथित तौर पर अर्पिता मुखर्जी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.


चटर्जी को गिरफ्तारी के बाद टीएमस से कर दिया गया था निलंबित
जांच एजेंसी ने घोटाले में छापेमारी के दौरान करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी, विदेशी मुद्रा, आभूषण और सोने के बिस्कुट बरामद किए थे. बता दें कि चटर्जी पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार में 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री थीं. चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था और तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था.


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