Sushil Modi Exclusive: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने एबीपी न्यूज के खास कार्यक्रम प्रेस कांफ्रेंस में बिहार (Bihar) की राजनीति समेत कई मुद्दों को लेकर बातचीत की. जेडीयू (JDU) से गठबंधन टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के दिमाग को समझना बहुत मुश्किल है. दिन रात उनके साथ बैठकर काम करने वाले भी उनके दिमाग को नहीं समझ नहीं सकते. उनका अगला कदम क्या होगा ये कोई नहीं समझ पाता. जब उन्होंने पहले लालू यादव (Lalu Yadav) से गठबंधन तोड़ा था तो वे लोग हैरान थे. ऐसा ही इस बार किया, लेकिन हमें पहले संकेत मिले थे.


राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि हमें वे पिछले तीन-चार से महीनों से संकेत तो दे रहे थे, लेकिन मुझे भरोसा नहीं था कि वे लालू यादव और कांग्रेस से फिर मिल जाएंगे. इसलिए मैंने तब कहा था कि फिर मुर्गी बेल तले नहीं जाएगी. हमने अंतिम समय तक पूरा प्रयास किया. खुद गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार से बात की थी कि ललन सिंह क्या बयान दे रहे हैं. तब नीतीश कुमार ने कहा था कि इनके बयानों पर ध्यान मत दीजिए यानि दो दिन पहले तक उन्होंने हमें आश्वासन दिया, लेकिन फिर धोखा दे दिया. नीतीश के फैसले से हम भी हैरान हैं. 


"नीतीश कुमार कुर्सी के लिए कुछ भी करेंगे"


उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि नीतीश कुमार ईमानदार और मेहनती हैं. हालांकि वे कभी किसी के घनिष्ठ नहीं हो सकते हैं. जैसे औरंगजेब ने सत्ता में रहने के लिए कुछ भी कर दिया था ऐसे ही नीतीश कुमार भी सत्ता में रहने के लिए कुछ भी कर सकते हैं और कर भी रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा कि देश का हर आदमी प्रधानमंत्री बन सकता है, लेकिन अगर कोई क्षेत्रीय दल का नेता पीएम बन गया तो इससे बुरा दुर्भाग्य इस देश का नहीं होगा. हालांकि मुझे लगता है कि ऐसा अब नहीं होगा, वो दौर चला गया. 


"नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा टूट का कारण"


सुशील मोदी ने कहा कि मैंने पहले ही दिल्ली आकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को बता दिया था कि बिहार में गठबंधन की सरकार पांच साल नहीं चलेगी. ये जो पूरा घटनाक्रम हुआ है इसके तीन कारण हैं. पहला नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा. वे इतने समय से मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता रहे हैं, उनकी महत्वाकांक्षा कुछ और बनने की रही है, इसलिए समय-समय पर हिलोरे मारते रहते हैं. दूसरा कारण है ललन सिंह की जलन. अगर वो केंद्रीय मंत्री नहीं बने तो इसमें हम क्या करें. नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह का नाम दिया था तो वो मंत्री बनाए गए. 


"ललन सिंह इस घटनाक्रम के सबसे बड़े विलेन"


सुशील मोदी ने कहा कि जेडीयू नेता ललन सिंह ने तभी से ठान लिया था कि मैं इस सरकार को बर्बाद कर दूंगा, चलने नहीं दूंगा. वो इस घटनाक्रम के सबसे बड़े विलेन हैं. नीतीश कुमार उनके दबाव में रहते हैं. अब वो दबाव में क्यों रहते हैं वो मुझे नहीं पता. उन्होंने कहा कि तीसरा कारण व्याकुलता है. आरजेडी को लगता है कि उन्हें कुछ और सीटें मिल जाती तो उनकी खुद की सरकार बन जाती. लालू यादव के बेटे मुख्यमंत्री बन जाते, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. लालू यादव को लगता था अब किसी भी तरह मेरा बेटा सत्ता में आ जाए. आरजेडी सत्ता में आने को व्याकुल थी. तो इस सरकार को गिराने के ये तीन कारण हैं. 


"अच्छा हुआ कि मैं इस दलदल से निकल गया"


क्या बीजेपी ने जनगणना, अग्निवीर योजना समेत कई मुद्दों को लेकर जेडीयू को असहज बनाया. इस पर सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा कि पार्टी ने पूरा प्रयास किया था माहौल खराब ना हो, लेकिन स्थिति बिगड़ती चली गई और गठबंधन टूट गया. सुशील मोदी ने कहा कि मैं भी अगर पटना में रहता तो भी कुछ नहीं बदलता क्योंकि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को मैं भी नहीं समझता हूं. अच्छा हुआ कि मैं इस दलदल से निकलकर राज्यसभा पहुंच गया. 


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