Bihar News: बिहार के पटना से सटे दानापुर के एक गरीब अनाथ और साथ ही दिव्यांग बच्चे की किस्मत चमक उठी है. उस नवजात बच्चे को तीन साल पहले ठिठुरती ठंड में मां ने बीच सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया था, अब वह बच्चा अमेरिका जाएगा. उसे अमेरिका के एक डॉक्टर दंपति ने गोद लिया है और उसे अमेरिका लेकर जाएंगे. गोद लेने वाले पिता कर्निल मिलर ने बताया, "हमें इसकी बहुत खुशी है. मैं अभी कुछ ज़्यादा नहीं कह सकता लेकिन हम इसको अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधा देंगे. हम इसे हमारे अन्य बच्चों जैसे ही रखेंगे."


दिसंबर 2019 की ठिठुरती ठंड में किसी मां ने एक नवजात बच्चे को सड़क पर रोता-बिलखता छोड़ दिया था. उस बच्चे की जिंदगी और किस्मत में बहुत कुछ होना लिखा था, वो बच्चा आज तीन साल का हो गया है और अब वह अमेरिका के वॉशिंगटन शहर में रहेगा. बच्चे का नाम अर्जित है और उसे 'सृजन विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान' के जरिए अब अमेरिकी माता-पिता ने गोद ले लिया है. 


बच्चे के गोद लेने की प्रक्रिया हो गई है पूरी


गोद लेने की पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद दानापुर के एसडीओ प्रदीप कुमार ने अमेरिकी दंपति को बच्चा सौंप दिया. एसडीओ ने कहा कि आईएएस बनने के बाद ये मेरा पहला मौका है, जब मैं किसी बच्चों को इस तरह से विदेश से आए मेहमान की गोद में दे रहा हूं. ये मेरे जीवन का सबसे सुखद पल है. अमेरिका के वॉशिंगटन से बिहार आए डॉक्टर कर्निल रे मिलर और उनकी पत्नी कैथरिन सुलिवान ने कहा कि हमें काफी खुशी महसूस हो रही है कि हमने एक बच्चे को गोद लिया है. हमारे परिवार में पहले से तीन बच्चे हैं और ये हमारा चौथा बच्चा होगा. 


तीन साल पहले निजी संस्था को मिला था बच्चा


साल 2019 में दिसंबर महीने के कड़ाके की ठंड में एक निजी संस्था को भादवा गांव से ये बच्चा मिला था. बच्चा दिव्यांग था. बच्चे को एक हाथ नहीं है और उसका होठ पहले से कटा हुआ है. निजी संस्था ने उसके पालन-पोषण का जिम्मा उठाया था. उसके बाद भारत भ्रमण पर आए एक अमेरिकी दंपति पटना आए और इस बच्चे की जानकारी मिलने के बाद उसे गोद लेने का फैसला किया. बच्चे को गोद लेने के लिए अमेरिकी दंपति ने ऑनलाइन आवेदन किया था और उसके बाद सभी कानून प्रक्रिया पूरी करने के बाद संस्था ने बच्चा उन्हें सौंप दिया है.


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