पटना: बिहार की राजनीति में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है. पटना में नीतीश की पार्टी की जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में नीतीश की पार्टी एनडीए में औपचारिक तौर पर शामिल हो गई है. पिछले महीने नीतीश कुमार ने आरजेडी को छोड़ बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में फिर से सरकार बनाई है.


जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी. इस दौरान अमित शाह ने नीतीश को एनडीए का सहसंयोजक बनने का न्योता दिया था. कहा जा रहा है कि बिहार में एनडीए के लिए भूपेंद्र यादव को कॉर्डिनेटर बनाया जा सकता है.



शरद यादव पर फैसला ले सकते हैं नीतीश


नजर इस बात पर भी है कि शरद यादव पर कार्रवाई को लेकर पार्टी का रुख क्या रहता है. जेडीयू के प्रमुख महासचिव क़े सी़ त्यागी का कहना है कि पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव को भी आमंत्रित किया गया है. उन्होंने दावा किया कि जेडीयू में कोई टूट नहीं है. उन्होंने कहा, "शरद जी को बैठक में आमंत्रित किया गया है. हम चाहते हैं कि वे आएं और जो शिकायत है, वह बताएं."


पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल सभागार में शरद के नेतृत्व में 'जनअदालत' का आयोजन किया गया है. इस बैठक में शरद के समर्थकों के भाग लेने की संभावना है.



पटना में जगह जगह जेडीयू की फूट के पोस्टर भी लगाए गए हैं. एक पोस्टर पटना में जेडीयू की आज होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का है, जबकि दूसरा पोस्टर बागी शरद यादव के गुट का है. इस पोस्टर में लिखा है जन अदालत का फैसला....महागठबंधन जारी है.



शरद यादव ने बुलाई जन अदालत


एक तरफ जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही होगी. ठीक उसी वक्त शरद यादव अलग से अपने गुट के साथ बैठक कर रहे होंगे. नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ चले जाने से नाराज शरद यादव ने आज जन अदालत बुलाई है. इस सम्मेलन में शरद यादव के अलावा अली अनवर और अरुण श्रीवास्तव शामिल होंगे.



चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा सकते हैं शरद


बैठक में शरद यादव अपने गुट को असली जेडीयू बताकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने पर भी फैसला ले सकते हैं. पिछले महीने नीतीश कुमार ने आरजेडी को छोड़ बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में फिर से सरकार बनाई है. तब से शरद यादव नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं.


जेडीयू ने शरद खेमे पर की कार्रवाई


पिछले दिनों जेडीयू ने शरद यादव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जेडीयू महासचिव और राज्यसभा में संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया था और उनके 21 समर्थकों को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.