बिहार विधानसभा के सत्र में सोमवार को वे चार विधायक गैरमौजूद रहे जिनके नाम फरवरी 2024 में नीतीश कुमार सरकार गिराने की कथित कोशिश के मामले में सामने आए थे. उनकी गैरहाजिरी ने पुराने राजनीतिक विवाद को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है. उस समय आरोप लगाया गया था कि इन विधायकों से संपर्क कर उन्हें मंत्री पद और भारी रकम का ऑफर दिया गया था, ताकि वे सरकार विरोधी खेमे का हिस्सा बन जाएं. इस पूरे मामले की शिकायत जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने पटना के कोतवाली थाने में दर्ज कराई थी.
चारों विधायक कौन हैं?कथित साजिश के मामले में जिन चार विधायकों के नाम सामने आए थे, वे मिश्रीलाल यादव, बीमा भारती, दिलीप राय और डॉ. संजीव कुमार हैं. ये सभी अलग-अलग राजनीतिक दलों से रहे हैं और फरवरी 2024 की शिकायत के बाद से चर्चा में बने हुए थे. अब विधानसभा में एक साथ गैरहाजिर रहने से उनका मामला फिर ताजा हो गया.
क्या आरोप लगाए गए थे?शिकायत में कहा गया था कि इन विधायकों से लगातार संपर्क साधा जा रहा था और उन्हें सरकार के खिलाफ वोट करने के लिए दबाव डाला जा रहा था. आरोप यह भी था कि सत्ता परिवर्तन में सहयोग करने पर उन्हें बड़े लाभ देने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसमें मंत्री पद जैसी पेशकश भी शामिल थी. जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने यह भी दावा किया था कि उन्हें और बिस्फी के विधायक दिलीप राय को धमकाया गया था. इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने फोन कॉल रिकॉर्ड, संदिग्ध बैठकों और बिचौलियों की भूमिका जैसी कई बातों पर पूछताछ शुरू की थी.
चुनाव में इन विधायकों की स्थिति क्या रही?चारों विधायकों का हाल के चुनावों में प्रदर्शन भी सुर्खियों में रहा. बीमा भारती रूपौली सीट से RJD के टिकट पर उतरी थीं, लेकिन उन्हें जेडीयू के कलाधर प्रसाद मंडल ने 73,572 वोटों से हरा दिया. डॉ. संजीव परबत्ता से RJD उम्मीदवार थे और उन्हें 34,000 से ज्यादा वोटों से हार मिली. मिश्रीलाल यादव, जो पहले बीजेपी विधायक थे और बाद में RJD में चले गए थे, उन्हें इस बार टिकट ही नहीं मिला. दिलीप राय भी इस बार विधानसभा नहीं पहुंच पाए.
गैरहाजिरी ने फिर उठाए सवालविधानसभा सत्र में इन चारों नेताओं की एक साथ अनुपस्थिति ने सत्ता और विपक्ष दोनों तरफ सवाल खड़े कर दिए हैं. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि क्या फरवरी 2024 वाली कथित साजिश का मामला फिर चर्चा में आने के कारण ये विधायक सदन से दूर हैं या यह सिर्फ एक संयोग है. विधानसभा सूत्रों के अनुसार, इनमें से किसी भी विधायक ने अपनी गैरहाजिरी का कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया है.