केरल में पिछले कई दिनों से दिमाग खाने वाले कीड़े 'अमीबा' का खतरा बना हुआ है. इसे लेकर लोगों में दहशत देखी जा रही है. अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस, जिसे अक्सर "दिमाग खाने वाला अमीबा" कहते हैं बता दें कि ये नेग्लेरिया फाउलेरी के कारण होता है. अब इसे लेकर कर्नाटक सरकार भी अलर्ट हो गई है. 

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राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सबरीमाला मंदिर जाने वाले राज्य के तीर्थ यात्रियों को लेकर एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (पीएएम) से खुद को सुरक्षित रखने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर सलाह जारी की है. दिमाग खाने वाले अमीबा से बचने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. 

हेल्थ एडवाइजरी में क्या कहा गया?

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कर्नाटक सरकार की तरफ से जारी हेल्थ एडवाइजरी में कहा गया है कि अमीबा मुख्यत गर्म मीठे पानी के स्रोतों और कीचड़ में पाया जाता है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में या दूषित पानी पीने से नहीं फैलता. सलाह में लोगों को स्थिर पानी में नहाते समय पानी को अंदर जाने से रोकने के लिए नाक पर क्लिप लगाने या नाक को कसकर पकड़ने की सलाह दी गई है.

नेग्लेरिया फाउलेरी कैसे दिमाग तक पहुंचता है?

एडवाइजरी में कहा गया है कि नेग्लेरिया फाउलेरी अत्यधिक विषैला होता है, जो नाक के माध्यम से प्रवेश करता है और मस्तिष्क तक पहुंचकर इस गंभीर और घातक बीमारी का कारण बनता है. लोगों को सलाह दी गई है कि अगर पानी के संपर्क में आने के 7 दिनों के भीतर उन्हें बुखार, सिरदर्द, मतली, गर्दन में अकड़न या व्यवहार संबंधी विकार जैसे लक्षण दिखाई दें, तो वे नजदीकी अस्पताल जाकर इलाज कराएं.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार 16 नवंबर को जिस दिन मंदिर खुला. उस दिन 53,278 तीर्थयात्रियों ने मंदिर में दर्शन किए. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक सबरीमाला में भारी भीड़ के कारण अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो रही है, क्योंकि दर्शन के लिए कतारें 10 घंटे तक लंबी हो रही हैं.

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