नई दिल्ली: किसानों के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के दिन और कोरोना महामारी के बीच बिहार चुनाव की तारीखों के एलान पर कांग्रेस के राज्य प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने सवाल उठाया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार की जनता को कुशासन से मुक्ति का एलान कर दिया है. वहीं, विपक्ष के गठबंधन में झगड़े पर गोहिल ने कहा कि सभी पार्टियों को खुदगर्जी छोड़नी होगी. जो गलत रास्ते पर गया उसे जनता वोटकटवा कहती है.


शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, "चुनाव कहीं कोरोना फैलने की वजह ना बन जाए, क्योंकि पहले से ही बिहार में ठीक तरीके से ना तो कोरोना का टेस्ट हो रहा है ना ही इलाज." कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने भी कोरोना महामारी के समय चुनाव के एलान पर एतराज जताया. दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गोहिल ने जेडीयू-बीजेपी पर निशाना साधा और दावा किया कि बिहार की जनता बदलाव के लिए तैयार है.


बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन पर निशाना साधते हुए गोहिल ने कहा, "प्रधानमंत्री ने जेडीयू को 'जनता का उत्पीड़न और दमन' कहा और नीतीश कुमार ने 'बीजेपी को बड़का झूठा पार्टी' कहा था." लेकिन सत्ता के लिए दोनों साथ आ गए. गोहिल ने आरोप लगाया कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के लिए एक लाख बीस हजार करोड़ के पैकेज का एलान किया था, लेकिन आरटीआई से पता चला है कि उस पैकेज से एक रुपया भी जारी नहीं किया गया है.


गोहिल ने कहा, "इस बार जनता झांसे में नहीं आएगी. हम पॉजिटिव एजेंडा के साथ लोगों के बीच जाएंगे और हम हमारे सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे."


बिहार में विपक्ष में बिखराव यानी आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन से मांझी के टूटने और उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अच्छा विकल्प चाहती है. ऐसे में सबको अपना अहंकार छोड़ना होगा. अगर कोई गलत रास्ते निकला तो लोग उसे वोटकटवा कहते हैं. हालांकि गोहिल ने यह भी कहा कि वह कुशवाहा के संपर्क में हैं और उनको लेकर आरजेडी के नेताओं के साथ मिल कर बात की जाएगी.


गोहिल ने कहा कि कुशवाहा मंत्री पद छोड़ कर एनडीए से बाहर आए थे, क्योंकि वहां उन्हें सम्मान नहीं मिला. विपक्षी गठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा के सवाल पर कांग्रेस के बिहार प्रभारी सहज नजर नहीं आए, लेकिन उन्होंने कहा कि इस पर गठबंधन के सभी दल तय करेंगे. आरजेडी द्वारा तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने पर गोहिल ने कहा कि हर पार्टी को अपना चेहरा चुनने का अधिकार है.


रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति के साथ गठबंधन की संभावना और नए राजनीतिक समीकरण पर गोहिल ने कहा, "बिहार राजनीतिक तौर पर सक्रिय राज्य है. आगे क्या होगा उसकी भविष्यवाणी करना सही नहीं होगा. समान विचार वाले दल साथ आएंगे. जनता बदलाव चाहती है. राजनीतिक खुदगर्जी के ऊपर जनता की भावना को आगे रखना चाहिए."


वहीं सीटों को लेकर विपक्ष के गठबंधन में खींचतान को लेकर गोहिल ने कहा कि यह सब सामान्य बातें है.