गुरुग्राम: हरियाणा में गुरुग्राम के रियान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के बच्चे प्रद्युम्न की हत्या में बड़ा खुलासा हुआ है. स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्र के पिता ने बताया है कि प्रद्युम्न के साथी बच्चों से ही बाथरूम में खून के छींटे साफ कराए गए थे. सात साल के प्रद्युम्न की हत्या से देश हिल गया है.


बच्चों से साफ कराया बोतल पर लगा खून


सुबोध कुमार नाम के एक शख्स ने खुलासा किया है, ‘’मेरी बेटी भी रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ती है. उसने मुझे बताया है कि कल एक मेड क्लास में आई और प्रद्युम्न के बैग से डायरी निकाल कर देने को कहा.’’ उन्होंने बताया, ‘’बच्चों को प्रद्दयुमन की पानी की बोतल देकर बाथरूम में भेजा गया और उसपर लगे खून के धब्बे साफ कराए. यह सब देखने के बाद मेरी बच् मेरी बच्ची सहमी हुई है. उसे समझ नहीं आ रहा कि आख़िर हुआ क्या है.’’



स्कूल पर फूटा अभिभावकों का गुस्सा


गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में मासूम की हत्या के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. प्रद्युम्न हत्या के बाद अभिभावकों का ग़ुस्सा स्कूल पर फूट रहा है. रियान स्कूल के बाहर लगातार बच्चे के अभिभावक स्कूल प्रशासन से सामने आकर जवाब देने को कह रहे हैं.


प्रद्दयुमन की मां बोलीं- स्कूल दोषी, कंडक्टर बना मोहरा


प्रद्दयुमन की मां का आरोप है कि यह स्कूल प्रशासन की ग़लती का ही नतीजा है. उन्होंने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि उनके बेटे का स्कूल बस से कोई लेना देना नहीं है, अपने बेटे को वो ख़ुद या उसके पापा छोड़ने और लेने जाते थे. ज्योति का कहना है कि स्कूल की प्रिंसिपल में बीच चौराहे पर लाकर मारना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल कुछ छिपा रही है. बस कंडक्टर को मोहरा बनाया गया है.



आरोपी कंडक्टर ने कबूला अपना गुनाह


पुलिस के मुताबिक कंडक्टर ने ही बच्चे के साथ यौन शोषण की कोशिश की. नाकाम होने पर उसने बच्चे की गला काटकर हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक, आरोपी कंडक्टर ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. आज आरोपी कंड़क्टर को कोर्ट में पेश किया जाएगा.


एबीपी से अशोक ने कहा, ”मेरी बुद्धी भ्रष्ट हो गई थी. मैं अपनी हर सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूं. उसने कहा कि मैं बाथरुम में था और फिर वहां बच्चा आ गया.” उसने बताया कि चाकू बस में ही पड़ा था.”


स्कूल प्रशासन पर खड़े हो रहे हैं बड़े सवाल


हत्यारा अशोक रेयान स्कूल में पिछले आठ महीने से काम कर रहा था. वो गुड़गांव के ही घामरोज गांव का रहनेवाला है. हत्या का आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है लेकिन जिस तरह दूसरी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे की स्कूल के भीतर हत्या हुई वो स्कूल प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े करता है.




  • स्कूल के अंदर जब माता-पिता तक नहीं जा सकते तो कंडक्टर कैसे चला गया?

  • स्कूल में बच्चों का टॉयलेट अलग क्यों नहीं था?

  • क्या महंगी-महंगी फीस लेने वाले स्कूल प्रशासन पर लापरवाही की वजह से बड़ा एक्शन होना चाहिए?


मनोचिकित्सक ने भी उठाए स्कूल प्रशासन पर सवाल
गुरूग्राम में हुई इस घटना पर मनोचिकित्सक डॉ. संदीप वोहरा ने एबीपी न्यूज से कहा, ''स्कूल में बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए चाहिए. स्कूल में एडमिशन के समय बच्चे और उनके अभिभावक के इंटरव्यू के साथ-साथ स्कूल से जुड़ने वाले स्टाफ का भी इंटरव्यू होना चाहिए. स्कूल से जुड़ने वाले स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन होना चाहिए, पिछला आपराधिक रिकार्ड चेक करना चाहिए. स्कूल के पास ठेके का होने चौंका वाला है क्योंकि अक्सर ऐसी आपराधिक घटना को अंजाम देने से पहले लोग नशा करते हैं इसीलिए स्कूल के पास ठेका नहीं होना चाहिए.''