Supreme Court: मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर चल रहे दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उनके स्वास्थ्य को देखते हुए अदालत ने सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत की अवधि 12 सितंबर तक बढ़ा दी है. मामले की सुनवाई में शामिल जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है इसलिए मामले को नई बेंच के गठन के लिए CJI के पास भेजा गया है.


21 जुलाई को सत्येंद्र जैन की सर्जरी हुई थी. 26 मई को शीर्ष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येन्द्र जैन को छह हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत दी थी लेकिन उन्होंने कई शर्तें लगा दी थीं कि न तो वह मीडिया से बात करेगे और न ही बिना इजाजत दिल्ली छोड़कर बाहर जाएंगे.


अदालत ने दी थी इजाजत-पसंद के अस्पताल में कराएं इलाज
सुप्रीम कोर्ट से स्वास्थ्य आधार पर जमानत मांगने के दौरान जैन ने अदालत से कहा था कि उनको, उनकी पसंद के अस्पताल में इलाज कराने की इजाजत दी जाए. अदालत ने उनको उनकी पसंद के अस्पताल में इलाज कराने की इजाजत दे दी थी. उनको जमानत देते हुए अदालत ने कहा था, 'अंतरिम जमानत पर चिकित्सीय स्थिति में विचार किया जाता है'.


बेंच से बोले थे सत्येंद्र जैन के वकील, कहा- वो हड्डी का ढ़ांचा बचे
जमानत मांगते हुए सत्येंद्र जैन के वकीलों ने बेंच को बताया कि उनकी तबियत ठीक नहीं है. जेल में वह हड्डियों का ढ़ांचा ही बचे हैं. उनका वजन कुल 35 किलो कम हो गया है. इससे पहले उनकी जमानत याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. सत्येंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को वादा किया था कि वह जब भी बुलाए गए तब-तब वह ईडी के सामने पेश हुए. अभी उनका स्वास्थ्य खराब है इसलिए उनको जमानत चाहिए. इसके बाद अदालत ने उनको जमानत दे दी. 


ये भी पढ़ें: Kaushal Kishore News: 'मेरे भाई की हत्या की गई...', केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर के बेटे पर मृतक के भाई ने लगाया साजिश का आरोप