बेंगलुरुः सैंडलवुड ड्रग कनेक्शन में चल रही गिरफ्तारियों के बीच बेंगलुरू सीसीबी विवेक ओबेरॉय के साले आदित्य आल्वा के घर पहुंची. उन पर पार्टियों में ड्रग्स के कारोबार का आरोप है. इससे पहले सेंट्रल क्राइम ब्यूरो ने बेंगलुरु में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था, इसके बाद कर्नाटक फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स के लेन-देन का बड़ा खुलासा हुआ. आदित्य अल्वा अभी फरार चल रहा है. उसकी तलाशी को लेकर टीमें काम कर रही हैं. उसके रिश्तेदारों और दोस्तों के ठिकानों पर दिल्ली और मुंबई समेत अन्य राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है. सीसीबी का कहना है कि आदित्य अल्वा का मोबाइल भी एक हफ्ते से बंद है. फिलहाल उसे सर्विलांस पर लगाया गया है. वह गिरफ्तारी से बचने के लिए छिपता घूम रहा है और लगातार अपने ठिकाने बदल रहा है.


कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री पर ड्रग्स कनेक्शन का साया


सैंडलवुड यानी कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के ड्रग कनेक्शन का दायरा बढ़ता जा रहा है. सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने रविवार को कर्नाटक के एक्स मिनिस्टर रहे जीवराज के बेटे और बॉलीवुड सेलेब विवेक ओबेरॉय के साले आदित्य पर केस दर्ज किया था. आदित्य के अलावा 11 और लोगों पर ड्रग्स मामले में केस दर्ज किया गया है. इस केस में पहली गिरफ्तारी ट्रांसपोर्ट अधिकारी बीके रविशंकर की हुई थी. रविशंकर एक्ट्रेस रागिनी का करीबी बताया जाता है. उसी से पूछताछ के आधार पर आज 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और रागिनी को भी गिरफ्तार किया गया. रागिनी फिलहाल 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में है.


कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज


आरोप है कि इन लोगों ने बेंगलुरु में अलग-अलग जगहों पर पार्टियां की थीं और इनमें सेलेब्स, इंडस्ट्रियलिस्ट और टेक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को बुलाया गया था. पार्टी के दौरान ही पैसे के बदले ड्रग्स की डील की गई थी. आदित्य के बारे में एफआईआर में लिखा गया है कि वो 5 जुलाई को येलहेंका में प्राइवेट होटल में हुई पार्टी में शामिल था. वहीं एफआईआर में एक्ट्रेस रागिनी द्विवेदी और उनके पूर्व फ्रैंड शिवप्रकाश का भी नाम है. क्राइम ब्रांच ने इन्हें मुख्य ड्रग पैडलर बताया है. पार्टी ऑर्गेनाइजर विरेन खन्ना, बिजनेसमैन प्रशांत रांका, वैभव जैन, आदित्य अल्वा, अफ्रीकन ड्रग सप्लायर लोम पेपर सांबा, प्रशांत राजु, अश्विन, अभिस्वामी, राहुल टोंसे और विनय के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.


कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे ड्रग्स पैडलर


जांच के मुताबिक, पैडलर ड्रग्स के कारोबार के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे. ज्यादा नशे वाली ड्रग्स के लिए हैलो किटी कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता था. दिलचस्प बात ये है कि आरटीओ में कर्मचारी रहे रविशंकर का नाम एफआईआर में नहीं है. रविशंकर ने बताया का अफ्रीकन ड्रग सप्लायर सांबा ने शहर के कई इलाकों में हुई पार्टियों में ड्रग्स सप्लाई की थी. पिछले कई दिनों से कर्नाटक में लगातार बड़े पैमाने पर ड्रग्स जप्त किए गए हैं. जिसके लिंक बड़े-बड़े चेहरों से सामने आ रहे हैं.


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