नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में वर्चुल तरीके से भाग लिया जिसमें उन्होंने नेशनल हाईवे अथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को लेकर अपनी नाराजगी जताई. वहीं दिलचस्प बात ये है कि पहले CAG ने भी एनएचएआई पर काम में देरी के आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि वो अपने प्रोजेक्ट और कार्य में बेहद देरी करते है. जितने समय में काम पूरा हो जाना चाहिए उससे कई ज्यादा समय ये लेते है. जो कि बिल्कुल उचित नहीं है.


नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने भी संसद को अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एनएचएआई ने लगभग 43.60 करोड़ रुपये के फंड को ब्लॉक कर दिया था और पिछले तीन सालो में ऑफिस बनाने के काम के चलते देरी के कारण 11.79 करोड़ रुपये का "परिहार्य किराया" दिया.


12 साल लग गए इन्हें प्रोजेक्ट को पूरा करने में- नितिन गडकरी


रिपोर्ट के मुताबिक जो प्रोजेक्ट 5 साल पहले एनएचएआई को पूरा कर देना चाहिए था वो अब हुआ है. आठ मालों की बिलडिंग के उद्घाटन के वक्त नितिन गडकरी बोले, 2008 में इस प्रोजेक्ट को तय किया गया था. 12 साल हो गए. दो सरकारें आ गई और 8 एनएचएआई चेयरमैन आये और गए और अब जा के ये प्रोजेक्ट खत्म हुआ है. उन्होंने कहा मैं शर्मिंदा हूं. एनएचएआई को दिल्ली और मुंबई एक्सप्रेस-वे पर प्रोजेक्ट की फोटो के साथ काम में देरी की बात छाप कर लगा देने चाहिए.


उन्होंने कहा कि इस मामले पर पेपर वर्क होना चाहिए. यह प्रोजेक्ट 80 से 1 लाख करोड़ का है लेकिन एनएचएआई ने 250 करोड़ में इस प्रोजेक्ट को पूरा कर दिया. जिसमें उन्हें 12 साल लग गए.


उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एनएचएआई के लोग भ्रष्ट और पॉवरफुल है कि कहने के बावजूद ये फैसला गलत तरीके से लेते है. इन्हें बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए.


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