Arunachal Pradesh-Nagaland AFSPA: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सरकार ने अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद दोनों राज्यों के कुछ जिलों में अफस्पा (सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम) छह महीने के लिए बढ़ा दिया है.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, AFSPA को अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों और नगालैंड के आठ जिलों और कुछ अन्य क्षेत्रों में छह महीने के लिए बढ़ाया गया है. इस अधिनियम के तहत सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार मिलते हैं. यह अशांत क्षेत्रों में लगाया जाता है.


अफस्पा अशांत क्षेत्रों में सशस्त्र बलों के जवानों को सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक समझे जाने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां देता है.


AFSPA को लेकर क्या कहा गृह मंत्रालय ने?


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि अफस्पा की धारा 3 की ओर से मिली हुई शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार ने 26 सितंबर, 2023 को अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले में नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र घोषित किया था. अरुणाचल प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति की एक और समीक्षा की गई है.


अधिसूचना में कहा गया है कि अब इसलिए अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिले और असम की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले में नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाके 1 अप्रैल 2024 से छह महीने की अवधि के लिए सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 की धारा 3 के तहत अशांत क्षेत्र घोषित किए गए है या जब तक कि पहले इसे वापस न लिया जाए.


नगालैंड के किन जिलों में बढ़ाया गया अफस्पा?


एक अलग अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने अफस्पा की ओर प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 1 अक्टूबर, 2023 से छह महीने की अवधि के लिए नागालैंड के आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 पुलिस स्टेशनों को 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया था.


गृह मंत्रालय ने कहा कि नागालैंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति की आगे समीक्षा की गई है और उसके बाद राज्य के आठ जिलों और 21 पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को अगले छह महीनों के लिए अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्र घोषित करने का निर्णय लिया गया है. इसलिए राज्य के दीमापुर, न्यूलैंड, चुमुकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों में अफस्पा के प्रावधान जारी रहेंगे.


जम्मू-कश्मीर को लेकर गृह मंत्री शाह ने दिया था बयान


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि पूर्वोत्तर राज्यों में 70 फीसद क्षेत्रों से अफस्पा हटा दिया गया है, हालांकि यह जम्मू-कश्मीर में लागू है. 26 मार्च को गृह मंत्री शाह ने कहा था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में एएफएसपीए हटाने पर विचार करेगी. बता दें कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में विभिन्न संगठनों और लोगों की ओर से अफस्पा हटाने की मांग की जा रही है.


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