नई दिल्ली: दिल्ली के बवाना की एक फैक्ट्री में 35 साल की सुनीता और 24 साल के रूप प्रकाश ने आग लगने के बाद दूसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान बचाई. अब वो लोग सुरक्षित हैं लेकिन चोटें जरूर आई हैं. इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई.


इन दोनों मजदूरों को पटाखा फैक्ट्री में काम शुरू किए हुए बमुश्किल एक हफ्ते हुआ था कि उन्हें इस भयावह हादसे का सामना करना पड़ गया. प्रकाश के पैरों में फ्रैक्चर आया है और सुनीता की कूल्हे की हड्डी टूट गई है.


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यूपी के उना जिला निवासी प्रकाश ने तीन-चार दिन पहले ही फैक्ट्री में काम करना शुरू किया था. इस फैक्ट्री में काम करने वाले प्रकाश के भाई रोहित और सूरज सिंह की इस हादसे में मौत हो चुकी है. सुनीता का परिवार इस हादसे में उनकी जान बचने को लेकर शुक्रगुजार है, हालांकि वे उसकी चोटों को लेकर चिंतित हैं.


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क्या है पूरा मामला?


बाहरी दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में 20 जनवरी की शाम एक दो मंजिला पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई थी. आग कार्पेट फैक्ट्री, पटाखा फैक्ट्री और ऑयल टैंकर में लगी. एक अधिकारी के मुताबिक, आग एक पटाखा फैक्ट्री से शुरू हुई. हालांकि इस पर काबू पा लिया गया है.