Balakot Air Strike: आर्मी ने कोर्ट मार्शल करते हुए एयर फोर्स के एक ग्रुप कैप्टन को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है. ये वही ग्रुप कैप्टन है जिसने फरवरी 2019 में कश्मीर में एलओसी पर भारतीय और पाकिस्तानी विमानों के बीच हवाई झड़प के दौरान भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर को मार गिराने का फैसला लिया था. इस घटना में 6 जवानों समेत 7 लोग मारे गए थे.


चीफ ऑपरेशन ऑफिसर थे सुमन राय चौधरी


26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया था. इसके बाद पाकिस्तानी एयर फोर्स के विमान जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सीमा में घुसे थे. इसी दौरान भारतीय सेना ने गलती से अपने ही एक हेलीकॉप्टर पर हमला कर दिया था. ग्रुप कैप्टन सुमन राय चौधरी उस समय श्रीनगर के एयर फोर्स स्टेशन में चीफ ऑपरेशन ऑफिसर थे.  


चौधरी ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अपील की है, जिसके चलते जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) के फैसले पर अभी रोक है. इसके अलावा, सैन्य कानून के मुताबिक, फैसले को भारतीय वायुसेना प्रमुख की ओर से भी पुष्टि की जानी होगी. सूत्रों के मुताबिक, वायुसेना प्रमुख हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही जीसीएम की सिफारिश पर फैसला करेंगे.


क्या था मामला ?


26 फरवरी, 2019 को जब पाकिस्तानी विमान भारतीय सीमा में घुसे थे, उस दौरान श्रीनगर एयर फोर्स स्टेशन अलर्ट मोड में आ गया था. इस दौरान एक भारतीय सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर हवाई क्षेत्र में लौट रहा था, जिसे गलती से अन्य विमान समझकर इजरायली मूल की विमानभेदी मिसाइल से निशाना बना दिया गया था. इस हमले में दो पायलटों समेत छह भारतीय सेना के जवानों और एक नागरिक की मौत हो गई थी.


कोर्ट मार्शल ने ग्रुप कैप्टन (सेना में एक कर्नल के बराबर) को कमान और नियंत्रण विफलता समेत कुल पांच आरोपों का दोषी पाया. इसमें निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए एमआई-17 को उसके आईएफएफ (पहचान, दोस्त या दुश्मन) ट्रांसपोंडर सिस्टम को स्विच ऑफ करने की अनुमति देना शामिल था. यदि IFF को चालू किया गया होता तो हेलीकॉप्टर की पहचान रडार द्वारा "दोस्ताना" रूप में की जाती.


एक अन्य अधिकारी के खिलाफ भी सिफारिश


कोर्ट मार्शल ने तत्कालीन वरिष्ठ एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारी, विंग कमांडर श्याम नैथानी के खिलाफ "कड़ी फटकार" लगाने की भी सिफारिश कीय उन्हें चार अन्य आरोपों से बरी करते हुए उनकी पदोन्नति पर रोक लगाने को कहा गया है.


अक्टूबर 2019 में, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के निष्कर्ष के बाद, तत्कालीन IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा था, “यह हमारी गलती थी. यह हमारी मिसाइल थी जिसने Mi-17 को हिट किया था. यह एक बड़ी गलती थी. दो अधिकारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई (कोर्ट मार्शल) का सामना करना पड़ेगा. भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं."


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