Sachin Pilot Protest: कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपनी ही सरकार से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार (11 अप्रैल) दिन भर के अनशन पर रहे. पायलट का अनशन ऐसे वक्त में हुआ जब कांग्रेस की राज्य इकाई ने पहले ही इसे पार्टी के हितों के खिलाफ बताया था. यही नहीं, हाईकमान ने भी इसके खिलाफ अपना कड़ा संदेश पहुंचा दिया था कि पायलट को अशोक गहलोत के साथ मुद्दों को आंतरिक रूप से हल करना चाहिए, लेकिन इस अनशन के बाद एक सुगबुगाहट तेज हो गई है कि क्या सचिन पायलट नई राह पकड़ने वाले हैं.


पायलट को लेकर ये सुगबुगाहट ऐसे ही नहीं है, इसकी कहानी सचिन पायलट के धरना स्थल पर लगे पोस्टर से निकलकर आई है. पायलट मंगलवार को जयपुर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर धरना कर रहे थे, वहां पर कांग्रेस पार्टी का न तो नाम नजर आ रहा था और न ही पार्टी की निशान ही दिखा.


मंच पर कांग्रेस का निशान नहीं


सचिन पायलट के मंच के पीछे एक बड़ा सा बैनर था, जिस पर केवल महात्मा गांधी की तस्वीर लगी हुई थी. मंच पर दो छोटी तस्वीरें भी रखीं थीं, जिसमें एक तस्वीर महात्मा गांधी और दूसरी ज्योतिबा फुले की थी. 


जैसा कि उम्मीद थी, धरना स्थल पर सत्ताधारी कांग्रेस का कोई भी विधायक नहीं पहुंचा. हालांकि, बड़ी संख्या में उनके समर्थक और दूसरे नेता पहुंचा. इनमें पूर्व विधायक संतोष सहारन और रामनारायण गुर्जर शामिल थे.


तो कांग्रेस से निकलने वाले हैं पायलट? 


खास बात ये रही कि दिन भर के धरने के दौरान पायलट का कोई समर्थक भी कांग्रेस का झंडा या निशान लिए नहीं नजर आया. सचिन पायलट के इस कदम से एक बार फिर से ये अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या सचिन पायलट कांग्रेस से निकलकर नये रास्ते पर बढ़ने वाले हैं? साथ ही ये भी कि अगर पायलट कांग्रेस छोड़ते हैं, तो उनका अगला कदम क्या होगा?


सचिन पायलट के अनशन को इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में नेतृत्व के मुद्दे को हल करने के लिए आखिरी बार पार्टी पर दबाव बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. सचिन पायलट राज्य में नेतृत्व के लिए पहले भी एक बार जोर लगा चुके हैं, लेकिन तब उन्हें पुराने खिलाड़ी अशोक गहलोत के सामने मात खानी पड़ी थी.


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