दुनियाभर में कई देशों में प्रतिबंध लगाए जाने के बीच कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्रजेनका की सफाई सामने आयी है. कंपनी ने कहा है कि जिन लोगों को वैक्सीन दी गयी उन लोगों के सेफ्टी डेटा रिव्यू में वैक्सीन से खून के थक्के बनने के खतरे का कोई सुबूत नहीं मिला. कंपनी ने ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन में एक करोड़ सत्तर लाख लोगों के सेफ्टी डेटा का रिव्यू किया था.


कंपनी ने कहा, ''ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन में एक करोड़ सत्तर लाख लोगों के सावधानी पूर्वक किए गए सेफ्टी डेटा रिव्यू में खून के थक्के जमने का कोई सुबूत सामने नहीं आया.' कुछ लोगों में खून का थक्का बनने के बारे में खबरें आने के बाद सबसे पहले डेनमार्क ने एस्ट्राजेनेका के टीके पर अस्थायी रोक लगा दी.


इसके बाद ऑस्ट्रिया, इटली, बुल्गारिया, रोमानिया, एस्टोनिया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, लातविया और गैर-यूरोपीय संघ (ईयू) के देश नॉर्वे और आइसलैंड ने भी इसी तरह के कदम उठाए. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर एस्ट्राजेनेका ने कोविड-19 से बचाव का टीका विकसित किया है.


ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके के खतरनाक दुष्प्रभावों को लेकर चिंताओं के बीच भारत कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके लगने के बाद सभी प्रतिकूल प्रभावों और मौत होने से जुड़े पहलुओं का मूल्यांकन कर रहा है. इस प्रक्रिया से जुड़े एक विशेषज्ञ ने शनिवार को यह जानकारी दी.


डेनिश समाचार एजेंसी रिट्जाउ के अनुसार, टीकाकरण के बाद खून के थक्के जमने की कई र्पिोटें आईं. साथ ही ऐसे ही एक मामले में इससे 60 वर्षीय महिला की मौत भी हो गई थी. बहरहाल, फ्रांस, पोलैंड और नाइजीरिया ने कहा है कि वे टीके का इस्तेमाल जारी रखेंगे और राष्ट्रीय नियामक भी इस संबंध में जांच करेंगे.


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