भारतीय सेना बिना लिंग भेदभाव के महिलाओं को ना केवल समान अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है बल्कि करियर संवारने में भी मदद करेगी. ये भरोसा दिलाया है खुद थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने. थलसेना प्रमुख बुधवार को फिक्की-लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (एफएलओ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि जिस तरह महिलाएं समाज में अपना प्रभाव स्थापित कर रही हैं उससे महिला-सशक्तिकरण एक बयान बनकर नहीं रह जाएगा, बल्कि एक सच्चाई साबित होगा. जनरल नरवणे के मुताबिक, अगले 15 सालों में महिलाओं को देश और समाज के हर हिस्से में समान भागीदारी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सेना में भी महिलाओं को कमान-पोस्टिंग मिल जाएगी.
थल सेनाध्यक्ष के मुताबिक, जिस तरह महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है उससे सभी संस्थाओं को वर्क-कल्चर में सुधार की जरूरत पड़ेगी. एक महिला सैन्य अफसर के इंटरव्यू का उदाहरण देते हुए समझाया कि किस तरह महिलाओं को सेना में बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि थलसेना में महिलाओं को जवान के पद पर भी अब भर्ती किया जा रहा है.
जनरल नरवणे ने कहा कि शांतिकाल हो या युद्ध या फिर कोई प्राकृतिक आपदा हर देशवासी को सेना से बहुत अपेक्षा रहती है और सेना देशवासियों के भरोसे पर हमेशा खरा उतेरगी. इस अवसर पर फिक्की-एफएलओ की तरफ से सेना की महिला अधिकारियों को उनके उतकृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया. इनमें से एक थलसेना की लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भी रहीं. उनकी परदादी रानी लक्ष्मीबाई के साथ थीं. सभी महिला अधिकारियों ने अपने सैनिक बनने और सेना के अनुभवों को साझा भी किया.
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