YS Sharmila Likely to Join Congress: आगामी लोकसभा चुनावों से पहले कई बड़े नेताओं का एक पार्टी को छोड़कर दूसरी ज्‍वाइन करने का स‍िलस‍िला शुरू हो गया है. साथ ही एनडीए, व‍िपक्षी गठबंधन या फि‍र कांग्रेस के साथ जाने की स‍ियासत भी तेज हो गई है. राजनीत‍िक हलको में इस बात की चर्चा और अटकलें जोरों पर हैं क‍ि वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की संस्थापक वाई.एस. शर्मिला (YS Sharmila) कांग्रेस में अपनी पार्टी का व‍िलय कर सकती हैं. शर्म‍िला के कांग्रेस के साथ जाने से उनके भाई और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) को बड़ा झटका लग सकता है. 


सूत्रों की माने तो इस साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश व‍िधानसभा चुनाव भी होंगे. लेक‍िन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन वाई.एस. शर्मिला के कांग्रेस में शाम‍िल होने की संभावनाओं ने उनकी मुश्‍क‍िलें बढ़ा दी हैं. शर्मिला अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की बेटी हैं. 


कांग्रेस में वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के व‍िलय करने के कयासों पर खुद शर्मिला भी कह चुकी हैं क‍ि आने वाले एक दो द‍िनों में सब कुछ साफ हो जाएगा. कृपया धैर्य बनाए रखें. 


कांग्रेस में म‍िल सकता है राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा पद 


सूत्रों का कहना है क‍ि कांग्रेस में शामि‍ल होने पर शर्मिला को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में कोई पद दिया जा सकता है. साथ ही उनकी पार्टी के कांग्रेस में विलय के बाद शर्मिला को दक्षिणी राज्यों के चुनाव का प्रभारी बनाए जाने की संभावना भी ज्‍यादा है. 


तेलंगाना चुनाव में की थी कांग्रेस को समर्थन की घोषणा 


हाल ही में संपन्‍न हुए तेलंगाना व‍िधानसभा चुनाव के दौरान भी शर्मिला ने के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार के कथित भ्रष्ट और जनविरोधी शासन के ख‍िलाफ आवाज बुलंद की थी. साथ ही उन्‍होंने तेलंगाना चुनाव के दौरान कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा भी की थी. 


2019 के आंध्र प्रदेश चुनाव में क‍िया था जगन का प्रचार  


सूत्र बताते हैं क‍ि वाई.एस. शर्मिला के कांग्रेस में आने के बाद आंध्र प्रदेश में उनके भाई को राजनीत‍िक नुकसान होने की प्रबल संभावना है. वहीं, शर्मिला 2021 तक वाईएसआर कांग्रेस का भी हिस्सा थीं. जब जगन 2012 में लंबे समय तक जेल में थे, तब शर्मिला ने वाईएसआरसी की कमान संभाली थी. प‍िछले 2019 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में शर्मिला ने अपने भाई के लिए प्रचार किया था. 


यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव से पहले CAA पर सुगबुगाहट तेज, कांग्रेस बोली- ध्रुवीकरण की कोशिश, असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?