नई दिल्ली: केंद्र व राज्य सरकार का शासन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को 20 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद टीवी से खास बातचीत की. इस दौरान अमित शाह ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, 'मैंने मोदी जी जैसा श्रोता देखा ही नहीं है. किसी भी बैठक में मोदी जी कम से कम बोलते हैं सबको धैर्यपूर्वक सुनते हैं और फिर उचित निर्णय लेते हैं.'


अमित शाह ने कहा, 'मोदी जी के जीवन में जो तीन बड़े-बड़े स्टेज थे, तीनों चुनौतीपूर्ण थे और उन्होंने बड़े धैर्य से व दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ तीनों चैलेंजों को सफलतापूर्वक पार किया. मैं मानता हूं कि उनकी लीडरशिप की ये बहुत बड़ा क्वालिटी है.'


"पीएम मोदी के जीवन के तीन बड़े स्टेज थे, तीनों चुनौतीपूर्ण थे"
सरकारी चैनल पर इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, 'मोदी जी के सार्वजनिक जीवन के 3 हिस्से किए जा सकते हैं. पहला- बीजेपी में आने के बाद संगठनात्मक के रूप में. दूसरा- गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में. तीसरा- राष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री के रूप में. उन्होंने गुजरात के संगठन मंत्री के रूप में एक पक्ष की विश्वसनीयता जनमानस में कैसे बनाई जा सकती है उसका उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित किया. संगठन मंत्री बनने के महज एक साल के अंदर गुजरात बीजेपी की यात्रा शुरु हुई. 1990 में हम हिस्सेदारी में सरकार में आए, 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी. 1995 में पूर्ण बहुमत में आए और वहां से बीजेपी ने आजतक पीछे मुंड़कर नहीं देखा है.'


अमित शाह ने आगे कहा, 'मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जी ने बहुत धैर्य के साथ प्रशासन की बारीकियों को समझा, विशेषज्ञों को प्रशासन के साथ जोड़ा और सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाया. उनके कठोर परिश्रम, बारीक आयोजन, इंप्लीमेंटेशन के लिए एक दृढ़ता तीनों के कारण बीजेपी को खड़ा किया. जो भूकंप एक जमाने में बीजेपी के लिये धब्बा बन जाएगा ऐसा लगता था वो भूकंप के विकास कार्य की पूरे विश्व ने सराहना की. आप भुज जाकर देख लीजिये, एक ओर लातूर का भी भूकंप है और भुज का भी है. पूरे भुज का नवनिर्माण हुआ, विकास दर उसके बाद 37% ज्यादा बढ़ी.'


उन्होंने आगे कहा, 'मोदी जी के सफल मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान ना केवल गुजरात, देशभर में आशा की एक किरण जागृत हुई कि मल्टीपार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम में कोई दोष नहीं है. ये सफल हो सकती है, डिलिवर कर सकती है अंतिम व्यक्ति तक जा सकती है. समस्याएं आती हैं, आंएगी भी, भविष्य में भी आंएगी. मगर आज मोदी की के प्रधानमंत्री बनने के बाद समस्या को एड्रेस किया जाता है, तत्काल एड्रेस किया जाता है, उसका समाधान निकालने का प्रयास किया और उसको संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ाया जाता है.'


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