नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपना पहला भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की साढ़े तीन साल की उपलब्धियों को गिनाई. इसके साथ ही ‘पकौड़ा प्रकरण’ से लेकर ‘‘गब्बर सिंह टेक्स’ तक, कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष के उन तमाम आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया, जिनका सार्वजनिक तौर पर लगातार मखौल उड़ाया जा रहा है. विपक्ष की तरफ से रोजगार के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़े बेचने वाली दलील का मजाक उड़ाने की तीखी आलोचना करते हुये कहा ‘‘पकौड़े बनाना शर्म की बात नहीं है बल्कि उनकी तुलना भिखारी से करना शर्म की बात है.’’


सर्जिकल स्ट्राइक, जीएसटी और नोटबंदी का शाह ने किया जिक्र


अमित शाह ने राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुये कालेधन की धरपकड़ के लिये एसआईटी के गठन संबंधी सरकार के पहले फैसले से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक, जीएसटी और नोटबंदी जैसे तमाम साहसिक फैसलों का जिक्र किया. इसके साथ ही उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत अभियान और पीएम स्वास्थ्य योजना सहित जनहित की अनेक योजनाओं को देश में क्रांतिकारी बदलाव का वाहक बताया.


लगभग करीब सवा घण्टे के राज्यसभा में अपने पहले भाषण में अमित शाह ने मोदी सरकार की योजनाओं का मजाक बनाने वाले कांग्रेस के आरोपों का करारा जवाब देते हुये कहा कि सरकार की कार्यपद्धति, योजनाओं का परिणाम और सामजिक बदलाव के दावों की स्वीकार्यता का परीक्षण जनता की अदालत में होता है. उन्होंने कहा ‘‘सत्तापक्ष का काम अपनी उपलब्धियां बताना है और विपक्ष हमेशा सरकार के कामों की कमियां उजागर करता है, लेकिन दोनों के दावों की सच्चाई और स्वीकार्यता की अंतिम कसौटी जनादेश होता है.’’


बीजेपी अध्यक्ष ने मोदी सरकार बनने के बाद हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश और गुजरात तक एक के बाद एक राज्य में बीजेपी की जीत को केन्द्र के कामों की जनता में स्वीकार्यता का सबूत बताया. साथ ही उन्होंने तमाम अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्टों में भारत का लगातार ऊपरी पायदान पर आने की भी दलील दी.


तीन तलाक विधेयक का विरोध करने पर कांग्रेस पर हमला


अमित शाह ने ‘गब्बर सिंह टैक्स’ से लेकर तीन तलाक विधेयक के विरोध को लेकर कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए इन्हें देश की भलाई के लिये किये गये कठोर और साहसिक फैसले बताया. उन्होंने कहा ‘‘पहले सरकारें वही फैसले लेती थीं जो लोगों को अच्छे लगते थे. लेकिन मोदी सरकार लोगों को अच्छे लगने वाले फैसले नहीं लोगों के लिये अच्छे फैसले कर रही है.’’ बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार बनने से पहले तक ‘‘वंशवाद, जातिवाद एवं तुष्टिकरण’’ तीन सबसे बड़े नासूर बन गये थे.


अपने भाषण में उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश और गुजरात चुनाव के बाद मैं भरोसे से कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की यह बड़ी उपलब्धि है कि देश के लोकतंत्र से वंशवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण को उखाड़ कर फैंक दिया गया है.’’ उन्होंने उन तमाम योजनाओं और अभियानों का विशेष तौर पर उल्लेख किया जिनके बारे में पिछले 70 साल में कुछ नहीं किया गया या बहुत कम प्रयास किये गये. अंत्योदय योजना, जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, स्वच्छता एवं शौचालय निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने, सौभाग्य योजना, बीमा योजना सहित मोदी सरकार की तमाम योजनाओं की फेरिस्त गिनाते हुए उनकी आलोचनाओं का सटीक जवाब दिया.


टैक्स को डकैती कहना कहां तक सही है? 


हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने एक न्यूज चैनल के इंटरव्यू में कहा था कि पकौड़े बेचने वाले को बेरोजगार नहीं कहा जा सकता है. विपक्ष ने उनके इस बयान का मखौल उड़ाया था. जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताये जाने की तीखी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि देश में सभी राज्यों की सहमति से लगाये गये इस टैक्स को डकैती कहना कहां तक सही है? शाह ने कहा कि जीएसटी से न केवल देश की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी बल्कि छोटे एवं मझौले कारोबारी भी मजबूत होंगे. जीएसटी से आने वाला धन शहीदों की विधवाओं को पेंशन, सैनिकों के वेतन और उज्ज्वला योजना सहित विभिन्न जनहित योजना में लगाया जा रहा है.


जनधन बैंक खातों की योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 साल तक तक 60 प्रतिशत आबादी बैंक खातों से वंचित थी. उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से 37 करोड़ खाते खोले गये. उन्होंने कहा कि शुरू में इसकी यह कहकर आलोचना की गयी कि शून्य धनराशि वाले बैंक खाते खोलने से क्या होगा. शाह ने कहा कि इन खातों में आज लोगों ने 73 हजार करोड़ रूपये जमा करवा रखे हैं.